शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण व ज्ञान प्रदान करता है नैनो-इंडेंटेशन और नैनो-मैकेनिक्स : प्रो. कांतेश बलानी
कानपुर, 10 फरवरी (हि.स.)। हम मानते हैं कि आईआईटी कानपुर में नैनोइंडेंटेशन केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि नैनोस्केल पर सामग्री के व्यवहार को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। हमारी प्रतिबद्धता शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण और ज्ञान प्रदान करना है जो स
कार्यक्रम के दौरान लिया गया ग्रुप फोटो


कानपुर, 10 फरवरी (हि.स.)। हम मानते हैं कि आईआईटी कानपुर में नैनोइंडेंटेशन केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि नैनोस्केल पर सामग्री के व्यवहार को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। हमारी प्रतिबद्धता शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण और ज्ञान प्रदान करना है जो सामग्री विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने और नवाचार करने के लिए आवश्यक हैं। यह बातें सोमवार आईआईटी कानपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रो. कांतेश बलानी ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने अपने एडवांस्ड सेंटर फॉर मैटेरियल्स साइंस (एसीएमएस) के माध्यम से मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से नैनो-इंडेंटेशन और नैनो-मैकेनिक्स पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (पूर्व में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड), भारत सरकार, ब्रूकर लिमिटेड और इंडस्ट्रोन लिमिटेड द्वारा समर्थित इस कार्यशाला में संबंधित क्षेत्र में प्रगति का पता लगाने के लिए छात्रों और रिसर्च स्कॉलरों सहित लगभग 85 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया। एसीएमएस के प्रमुख और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर प्रो. अनीश उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने शिक्षा जगत, शोध संस्थानों और उद्योग के लिए एडवांस्ड मटेरियल कैरेक्टराइजेशन को बढ़ावा देने में एसीएमएस की भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही कार्यशाला समन्वयक प्रो. नीलेश प्रकाश गुराव ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग से प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की भागीदारी का उल्लेख करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। तकनीकी सत्रों में कई विशेषज्ञों द्वारा प्रभावशाली प्रस्तुतियां दी गईं। जिनमें आईआईएससी बैंगलोर के प्रो. प्रवीण कुमार ने एक हाई-थ्रूपुट मैकेनिकल टेस्टिंग तकनीक पेश की, जिसमें डिजिटल छवि सहसंबंध के साथ कैंटिलीवर बेंडिंग परीक्षण को एकीकृत किया गया।

कार्यशाला का एक प्रमुख आकर्षण एनआईटी हमीरपुर की प्रोफेसर रीता मौर्या के साथ एक संवादात्मक सत्र था, जो आईआईटी कानपुर की नैनोइंडेंटेशन सुविधा की शुरुआती उपयोगकर्ता थीं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप