इतिहास और विकास के संगम पर गोरखपुर महोत्सव का शुक्रवार से आगाज
पर्यटन मंत्री करेंगे उद्घाटन, रविवार को औपचारिक समापन समारोह में मिलेगा मुख्यमंत्री का सानिध्य
इतिहास और विकास के संगम पर गोरखपुर महोत्सव का शुक्रवार से आगाज


गोरखपुर, 9 जनवरी (हि.स.)। गोरखपुर इतिहास और गर्वानुभूति कराने वाली विरासत से समृद्ध है तो बीते सात साल से यहां का विकास नजीर पेश कर रहा है। इतिहास और विकास के संगम पर साल दर साल गोरखपुर की ब्रांडिंग का बड़ा मंच बन रहे गोरखपुर महोत्सव का इस वर्ष आगाज शुक्रवार (10 जनवरी) को हो रहा है।

रामगढ़ताल के सामने स्थित चम्पा देवी पार्क में गोरखपुर महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह करेंगे, जबकि औपचारिक समापन समारोह में 12 जनवरी (रविवार) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सानिध्य प्राप्त होगा। महोत्सव 16 जनवरी तक जारी रहेगा। इस साल भी गोरखपुर महोत्सव कला, संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान, मेधा, मनोरंजन और रोजगार का मंच देने के लिए तैयार है। गोरखपुर महोत्सव की खासियत यह भी है कि यह हाल के छह-सात साल में गोरखपुर की विकसित पहचान को एक उत्सवी मंच दे रहा है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 से गोरखपुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रगति की नई उड़ान भरी है। कभी पिछड़ेपन का दंश झेलने वाले इस जिले ने विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, बेहतरीन रोड और एयर कनेक्टिविटी, खाद कारखाना, पिपराइच चीनी मिल, एम्स, रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, आयुष विश्वविद्यालय, चिड़ियाघर, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसे अनेक प्रोजेक्ट्स की सौगात पाने के साथ निखरे रामगढ़ताल की अगुवाई में एक नए टूरिस्ट सेंटर के रूप में भी ख्याति बटोर रहा है। विकास और रोजगार के साथ यहां की कला, संस्कृति भी लगातार संरक्षित और समृद्ध हुई है। इन सबको समेटते हुए गोरखपुर महोत्सव एक आईना के रूप में है। यह महोत्सव कला, संस्कृति, पर्यटन व रोजगार का भी सशक्त मंच बना है।

गोरखपुर महोत्सव में पहले दिन के प्रमुख कार्यक्रम

- पर्यटन मंत्री द्वारा उद्घाटन : पूर्वाह्न 11 बजे

- महाकुंभ आधारित विशेष लघु नाटक की प्रस्तुति मानवेन्द्र त्रिपाठी एवं टीम द्वारा अपराह्न 3 बजे से 3:30 बजे तक

- सबरंग : अपराह्न 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक

- जुबिन नौटियाल का बॉलीवुड नाइट : शाम 7 बजे से

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय