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तृणमूल सांसद इस मामले में रहे पीछे
कोलकाता, 09 जनवरी (हि. स.)। संसद के शीतकालीन सत्र में पश्चिम बंगाल से चुने गए सांसदों ने कैसा प्रदर्शन किया, इस पर नजर डालने से स्पष्ट होता है कि सवाल पूछने में भाजपा के सांसद सबसे आगे रहे। तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने भी सवाल उठाए, लेकिन प्रदर्शन के मामले में वह भाजपा से पीछे रहे।
25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चले इस सत्र में लोकसभा ने 20 और राज्यसभा ने 19 बार बैठक की। आंकड़ों के मुताबिक, बंगाल से राज्यसभा के सांसदों में सबसे ज्यादा सवाल भाजपा के शमीक भट्टाचार्य ने किए, जिनकी संख्या 32 रही। तृणमूल के डेरिक ओ'ब्रायन, साकेत गोखले और नदिमुल हक ने 31-31 सवाल पूछे।
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राज्यसभा में कुछ सांसद रहे पूरी तरह शांत
तृणमूल के तीन राज्यसभा सांसद—सुब्रत बक्सी, ममताबाला ठाकुर और ऋतव्रत बनर्जी—ने सत्र के दौरान एक भी सवाल नहीं पूछा। ऋतव्रत ने कहा कि वह 16 दिसंबर को शपथ लेने के बाद केवल पांच दिनों तक सत्र में शामिल हो सके, जिससे उन्हें सवाल पूछने का मौका नहीं मिला।
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लोकसभा में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर
लोकसभा में बंगाल के 42 सांसदों में से भाजपा के खगेन मुर्मू ने 24 सवाल पूछे, जबकि तृणमूल के सौगत राय 23 सवालों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे स्थान पर 22-22 सवालों के साथ भाजपा के जयंत राय और तृणमूल के कीर्ति आजाद रहे।
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तृणमूल के 15 सांसदों ने नहीं पूछा कोई सवाल
तृणमूल के 15 लोकसभा सांसदों ने सत्र के दौरान कोई सवाल नहीं पूछा। इनमें वरिष्ठ नेता सुदीप बनर्जी और काकली घोष दस्तीदार भी शामिल हैं। काकली ने कहा कि वह अक्सर स्पीकर की कुर्सी संभालती हैं और नए सांसदों को मौका देना चाहती हैं।
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भाजपा ने किया तृणमूल पर कटाक्ष
भाजपा सांसद शमीक भट्टाचार्य ने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल तथ्य आधारित सवाल उठाने की आदत नहीं रखती। वे केवल केंद्र की आलोचना करते हुए बयानबाजी करते हैं, लेकिन संसद में सवाल पूछने में पीछे रह जाते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर