Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 9 जनवरी (हि.स.)। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘आवास योजना' के तहत निर्मित मकानों पर अब राज्य सरकार का लोगो लगेगा। राज्य सचिवालय नवान्न से यह लोगो जल्द ही जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। इस संबंध में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जिलाधिकारियों को एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव द्वारा जिलों को भेजे गए एसओपी में कहा गया है कि इस योजना के तहत मकान बनाने वाले लाभार्थियों को उचित दामों पर निर्माण सामग्री, जैसे सीमेंट, ईंट, और लोहे की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए डीलरों और स्थानीय बाजार के व्यापारियों से बात करने का निर्देश दिया गया है।
------
लाभार्थियों के लिए कई निर्देश:
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए है। इसके तहत न्यूनतम 25 वर्ग मीटर का मकान बनाया जाएगा, जिसे सरकारी राशि मिलने के बाद अधिकतम एक साल के भीतर पूरा करना होगा। यदि लाभार्थी भूमिहीन हैं, तो उनके लिए मकान बनाने के लिए उपयुक्त सरकारी जमीन चिन्हित कर पट्टा देने का प्रावधान है।
इसके अलावा, हर मकान में शौचालय का निर्माण 'निर्मल बंगाल' परियोजना के तहत किया जाएगा। जल आपूर्ति की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दी गई है, जबकि बिजली की व्यवस्था एसईडीसीएल के माध्यम से की जाएगी।
-----
योजना की निगरानी:
मकान का निर्माण पूरा होने के बाद सर्वेक्षक मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे, तस्वीरें लेंगे और जियो-टैगिंग करेंगे। इसके आधार पर ब्लॉक स्तर के अधिकारी मकान को मंजूरी देंगे। साथ ही, लाभार्थी परिवार को पंचायत की आनंदधारा योजना से जोड़ा जाएगा ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।
राज्य सरकार की यह पहल गरीबों को सशक्त बनाने और उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर