पंचायती राज और शहरी निकाय चुनावों के लिए तैयारी बैठक आयोजित
सोलन, 9 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची की अध्यक्षता में वीरवार को वर्ष 2025-26 में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के सामान्य निर्वाचन को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चुनाव की तैयारियों
Election meetinv


सोलन, 9 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची की अध्यक्षता में वीरवार को वर्ष 2025-26 में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के सामान्य निर्वाचन को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चुनाव की तैयारियों और संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए अनिल खाची ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए एक नवीन इनवेंटरी मैनेजमेंट ऐप्लीकेशन तैयार की गई है। इस ऐप्लीकेशन के माध्यम से मतपेटियों और मतदान सामग्री की वितरण प्रक्रिया को सुसंगत और पारदर्शी बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस ऐप्लीकेशन के क्यूआर कोड से मतदान दलों को मतपेटियां दी जाएंगी। साथ ही, निर्वाचन से संबंधित सभी सामग्री की आपूर्ति भी इसी ऐप के माध्यम से की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि पुराने चुनावी अभिलेखों को नियमानुसार नष्ट किया जाए और निर्वाचन भंडारण कक्ष की सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वार्डबंदी, मतदाता सूचियों का अद्यतन और आरक्षण के कार्य को समय पर पूरा करना ज़िला प्रशासन की जिम्मेदारी है।

इसके अलावा अनिल खाची ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली नियमावली की अनुपालना सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि वार्डबंदी और मतदाता सूचियों के संशोधन के कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि लोग समय पर इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकें। प्रचार-प्रसार के लिए प्रेस सम्मेलन, होर्डिंग, बैनर और अन्य प्रचार सामाग्री का इस्तेमाल करने की बात कही गई।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने ज़िला दण्डाधिकारी को यह निर्देश भी दिए कि पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के बाद वार्डों के निर्धारण और आरक्षण का कार्य 30 जून 2025 तक पूरा किया जाए।

बैठक में अनिल खाची ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूचियां अलग-अलग होती हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान के लिए मतदाता का नाम राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में होना आवश्यक है। केवल मतदाता पहचान पत्र के आधार पर मतदान नहीं किया जा सकता इसके लिए संबंधित मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप शर्मा