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कोलकाता, 09 जनवरी (हि. स.)। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा से बलात्कार और हत्या के मामले में 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जाएगा। पिछले साल 18 नवंबर से शुरू हुई इस सुनवाई में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को एकमात्र आरोपित माना गया है। लेकिन पीड़िता के परिवार और जूनियर डॉक्टरों ने जांच पर सवाल उठाए हैं, उनका कहना है कि अपराध में शामिल अन्य आरोपितों को अब तक बचाया जा रहा है।
फैसले की तारीख सुनते ही जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने गुरुवार शाम को रैली निकाली। डॉक्टर अनिकेत महातो, देवाशीष हलदार और असफाकुल्ला नायर के नेतृत्व में डॉक्टरों ने न्याय प्रक्रिया की आलोचना की। असफाकुल्ला नायर ने कहा कि न्याय का मतलब केवल एक व्यक्ति को सजा देना नहीं है। इस जघन्य अपराध में और भी प्रभावशाली लोग शामिल हैं। उन्हें भी सामने लाया जाए और सजा दी जाए।
अनिकेत महातो ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन जांच में कई खामियां हैं। सप्लीमेंट्री चार्जशीट कहां है? सीएफएसएल या फॉरेंसिक रिपोर्ट का सही तरीके से अध्ययन क्यों नहीं किया गया ? अधूरी जांच ने हमें मजबूर किया है कि हम फिर सड़कों पर उतरें।
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सीबीआई जांच पर उठे सवाल
सीबीआई ने संजय रॉय को मुख्य आरोपित मानते हुए जांच को आगे बढ़ाया, लेकिन पीड़िता के परिवार समेत कई लोग इससे असंतुष्ट हैं। उनका मानना है कि असली दोषियों को बचाया जा रहा है। सप्लीमेंट्री चार्जशीट से उम्मीद थी कि अन्य आरोपितों के नाम सामने आएंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से डॉक्टर और पीड़िता के समर्थक सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर