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अशोकनगर, 9 जनवरी(हि.स.)। जिले मे मत्स्य उत्पादन को लेकर भारत सरकार की प्रधानमत्री मतस्य संपदा योजना के अंतर्गत बायोप्लोक पद्वति से मतस्य उत्पादन किया जाएगा। जिसके लिए अशोकनगर जिले मे 5 बायोप्लोक पर काम चल रहा है। जिसमे एक टैक मे 7 गोले बनेगे, 4 मीटर लंबे और डेढ मीटर उचाई के होगे। जिनमे मतस्य पालन किया जाएगा।
अभी तक मतस्य पालन नदी,तालाब जैसे स्थानो पर किया जाता था। लेकिन अब इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार की इस योजना मे लाभ लिया जा सकता है। जिसमे सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत सब्सिटी और अनुसूचित जाति जनजाति तथा महिला वर्ग को 60 प्रतिशत सब्सिटी प्रदान की जाएगी। साढे सात लाख प्रत्येक बायोप्लोक की लागत है। जहा मतस्य उत्पादन किया जाएगा। उस पानी की जाच करने का अधिकार मतस्य विभाग के निरीक्षको को होगा। इसी अभियान के अंतर्गत अशोकनगर जिले के 23 आदिवासी ग्रामो को भी इस योजना के लिए चुना गया है। जिसकी कार्ययोजना बन रही है। अगर यहा आदिवासियो ने उत्साह दिखाया तो उन्हे 90 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। यानि उन्हे 10 प्रतिशत राशि घर से लगाना होगी। प्रत्येक बायोप्लोक मे 6 टन मतस्य उत्पादन होगा।
54 करोड़ का मत्स्य उत्पादनजिले मे अगर मतस्य उत्पादन की बात करे तो जिले मे प्रतिवर्ष 5400 वार्षिक मैट्रिक टन मतस्य उत्पादन होता है। जिसकी कीमत 54 करोड़ है। यहा के तालाबो मे जो मछली का उत्पादन होता है। उनमे कई मछली ऐसी है। जिनका वजन अधिकतम 4 किलोग्राम तक रहता है। जिले के तालाबो को मछुआ सहकारी समितियो को पटटे पर प्रदान किया जाता हेै। यह समितिया तय करती है कि उन्हे किस तरह की मछली का उत्पादन किया जाना है। यहा के मोला और कोचा डेम मे जो मछली पैदा की जाती है। उसकी मांग अधिक रहती है। कोमन कार्व प्रजाति की मछली जो मालवा मे पैदा की जाती है। उसका उत्पादन अब अशोकनगर जिले मे भी होने लगा है। मछलियो को भोजन समय पर मिलना चाहिए।
अशोकनगर जिले मे 7 जिला पंचायत के तालाब के पटटे है। यह पटटे 10 साल के लिए दिए जाते है। 5 तालाबो के पटटे आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 मे समाप्त हो रहे है। जिनमे कोचा डेम,मोला ,साजनमउ,ढाकोनी और जमाखेडी के तालाब है। जिले मे कुल 32 तालाब सिचाई विभाग के है। जिनमे 29 मे मतस्य पालन होता है। 327 तालाब ग्राम पचायतो के है। जिले मे तालाबो के अलावा नदियो मे भी मछलियो का उत्पादन किया जाता है। जिले मे नदियो का क्षेत्रफल 105 किमी है। अशोकनगर जिले मे मतस्य उत्पादन 41 मछुआ सहकारी समितियो द्वारा किया जाता है। इस बार दो और नई समितिया बन रही है। जिनमे एक अजलेश्वर और अशोकनगर शामिल है। इन समितियो मे मुगावली जेल तालाब मे सचालक मंडल समिति का भंग हो जाने के कारण वहा प्रशासक नियुक्त है। जिले के तालाबो से मतस्य विभाग को हर वर्ष 54 करोड की आमदनी हो रही है। जो पिछले वर्षो की तुलना मे बडी है। आगामी समय मे नई तकनीक के साथ कम लागत मे अधिक मतस्य उत्पादन पर शासन की नजर है। जिसका क्रिन्यानवयन अशोकनगर जिले मे भी किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार