नशा कारोबारी रोहित तिवारी के दोनों हत्यारोपित दोषमुक्त
नैनीताल, 09 जनवरी (हि.स.)। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने थाना मल्लीताल के अंतर्गत 5 वर्ष पूर्व हुई रोहित तिवारी नाम के युवक की हत्या के मामले में दोनों आरोपितों को दोषमुक्त करार दे दिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में हत्यारोपितों
न्यायालय आदेश कोर्ट ऑर्डर


नैनीताल, 09 जनवरी (हि.स.)। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने थाना मल्लीताल के अंतर्गत 5 वर्ष पूर्व हुई रोहित तिवारी नाम के युवक की हत्या के मामले में दोनों आरोपितों को दोषमुक्त करार दे दिया है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में हत्यारोपितों व उनके परिजनों ने घटना के दौरान हत्या करने की बात स्वीकार करते हुए मृतक पर नशे के कारोबार को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक के पिता कृष्ण चंद्र तिवारी ने थाना मल्लीताल में शिकायत की थी कि उनका पुत्र रोहित तिवारी 8 जनवरी 2019 को काशीपुर जाने की बात कहकर घर से निकला था। शाम को जब परिवार ने उससे संपर्क किया तो उसने स्वयं को बारा पत्थर के पास बताया। कुछ समय पश्चात उन्हें सूचना मिली कि रोहित गंभीर हालत में बीडी पांडे चिकित्सालय में है।

चिकित्सालय पहुंचने पर उन्हें ज्ञात हुआ कि रोहित के सिर पर गहरी चोट थी और अत्यधिक रक्तस्राव हो चुका था। लोगों ने बताया कि फेयर हेवेन्स होटल के पास रोहित पर जानलेवा हमला हुआ था और गोलीबारी की आवाज भी सुनी गई थी। रोहित को तत्काल हायर सेंटर हल्द्वानी संदर्भित किया गया, परंतु उसकी स्थिति गंभीर बनी रही और उसकी मौत हो गयी।

उसकी मौत के बाद पिता की शिकायत के आधार पर थाना मल्लीताल में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत अभियोग दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपित संदीप और अंकुर को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तमंचा व खोखा कारतूस बरामद किया। घटना के चश्मदीद गवाह शुभम साह सहित अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

इधर, न्यायालय में अधिवक्ता गोपाल कपकोटी व दीपक रुबाली की मजबूत पैरवी के बाद न्यायालय ने प्रलेखीय व मौखिक साक्ष्यों का सम्यक परीक्षण किया और पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपितों के विरुद्ध आरोपित अपराध को संदेह से परे सिद्ध करने में असफल रहा। इसके बाद अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कड़ियां आरोपितों की दोषसिद्धि की ओर स्पष्ट रूप से संकेत नहीं करतीं। इसलिये आरोपितों की निर्दोषता की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। इसी आधार पर न्यायालय ने आरोपित संदीप और अंकुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 व 34 एवं धारा 201 आरोपित संदीप को धारा 25 आयुध अधिनियम के तहत दोषमुक्त घोषित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि दोनों आरोपित पहले से ही जमानत पर रिहा हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी