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सिंचाई विभाग के चार जेई के कामों में मिली खामियां
सांसद नवीन जिंदल ने दिए थे जांच के आदेश
कैथल, 8 जनवरी (हि.स.)। जिला कैथल में 18 करोड रुपए के मनरेगा घोटाले में सांसद नवीन जिंदल द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद बीडीपीओ सीवन ने प्राथमिक जांच में गांव कक्हेड़ी के तीन मनरेगा मेट्स को निलंबित कर दिया है। इस दौरान 4 जूनियर इंजीनियरों के कामों में खामियां उजागर हुई है। जांच में सामने आया कि विदेश गए दो मनरेगा मजदूर की हाजिरी रिकॉर्ड में लगाई गई थी। और उनकी मजदूरी की राशि गबन कर ली गई थी। सिंचाई विभाग के चार जूनियर इंजीनियर्स के काम में बड़ी खामियां मिली है।
मंगलवार को जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक के दौरान गुहला के विधायक देवेंद्र हंस ने जिले के विभिन्न गांवों में मनरेगा कार्यों में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। सांसद नवीन जिंदल ने मनरेगा के तहत 10 महीनों में हुए 18 करोड़ रुपयों के कार्यों की गहन जांच के आदेश थे।
सीवन ब्लॉक के गांव ककराला अनायत में मनरेगा योजना के तहत विदेश में रह रहे 40 लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उनकी हाजिरी लगाकर मजदूरी के लाखों रुपए हड़प लिए गए हैं। गांव के ही अमरीक सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि गांव के करीब 22 लोग, जो जर्मनी, इटली, फ्रांस, मलेशिया और पुर्तगाल जैसे देशों में रहते हैं, उनके नाम पर जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। इन्हें मनरेगा मजदूर दिखाकर उनके खातों में रुपए भेजे गए। उनके खातों में भेजी गई लाखों रुपए की रकम में से इन मजदूरों को माते द्वारा मामूली सी हजार 2 हजार रुपए की रकम ही दी जाती थी। बाकी रुपए मेट व अधिकारियों के बीच बांट लिए जाते थे। उनके गांव में वास्तव में काम करने वाले मजदूरों की संख्या लगभग 40 है। लेकिन 328 लोगों के नाम पर जॉब कार्ड बनाए गए हैं। यह घोटाला 2022 से चल रहा है। अमरीक सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत सीएम विंडो और डीसी को भी की लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीवन बीडीपीओ नेहा शर्मा ने बताया कि ककराला इनायत गांव के 40 से ज्यादा लोगों के विदेश में जाने और उनकी हाजिरी मनरेगा में लगाने की शिकायत उन्हें मिली है। इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी इस पूरे मामले की जांच कर रही है। ककराला इनायत गांव के सरपंच व सचिव से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। जेई के विरूद्ध कार्रवाई के लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेश कुमार भारद्वाज