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लोहरदगा, 8 जनवरी (हि.स.)। सदर अस्पताल परिसर स्थित यक्ष्मा केंद्र में44 टीबी रोगियों के बीच अतिरिक्त पोषण सहायता के तहत पोषण टोकरी (पोषाहार) का वितरण किया गया। साथ ही साथ सभी मरीजो को कंबल भी वितरित दिया गया। पोषाहार वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ शंभु नाथ चौधरी ने कहा कि टीबी लाइलाज रोग नहीं है। इसका सम्पूर्ण और निशुल्क इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। समय से दवा लेने पर छह महीने में टीबी रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि टीबी की दवा का अनियमित सेवन करने से एमडीआर टीबी होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि बेहतर पोषण का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। जिससे टीबी जैसे गंभीर रोग से बचा जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान डीटीओ डॉ डी एन सिंह और डॉ अमरेंद्र नाथ डे एसीएमओ ने कहा कि टीबी मरीजों को समय समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए। उन्हें नियमित अपने वजन, हीमोग्लोबिन, बलगम की जांच कराकर दवा का सेवन करना है। उन्होंने यक्ष्मा मरीजों को समय पर दवा का सेवन करने और सरकार द्वारा टीबी मरीजों के लिए चलाई जा रही कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।
डीपीसी अनुराग कुमार ने कहा कि प्रोटीन युक्त खाना खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिससे शरीर में टीबी की बैक्टीरिया को निष्क्रिय कर देता है। पोषण टोकरी में दाल, चना, गुड़, बादाम, रिफाइन शामिल हैं। कार्यक्रम में हिडाल्को इंडस्ट्री से भास्कर दास गुप्ता, भास्कर सिन्हा, डीपीसी अनुराग सिंह एवं सभी यक्ष्मा कर्मी समेत यक्ष्मा रोगी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोपी कृष्ण कुँवर