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भीलवाड़ा, 8 जनवरी (हि.स.)।
शाहपुरा जिले को समाप्त करने के विरोध में चल रहा जिला बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को शहर के त्रिमूर्ति चौराहे पर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि देने के लिए विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया।
इस यज्ञ का आयोजन आर्य समाज द्वारा विधि-विधानपूर्वक किया गया। यज्ञ में स्थानीय नागरिकों, अधिवक्ताओं, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने भाग लिया। यज्ञ के दौरान सभी ने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक को सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की ताकि शाहपुरा जिले को यथावत रखा जा सके।
इस आयोजन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट दुर्गालाल राजोरा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद तोषनीवाल, पीसीसी सदस्य संदीप जीनगर, और आर्य समाज के प्रधान गोपाल राजपुरोहित सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। आंदोलनकारियों ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि शाहपुरा जिले का अस्तित्व समाप्त करना न केवल क्षेत्र के विकास को बाधित करेगा, बल्कि यहां के नागरिकों के अधिकारों और सुविधाओं पर भी विपरीत प्रभाव डालेगा।
एडवोकेट दुर्गालाल राजोरा ने घोषणा की कि 9 जनवरी से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत पत्रक बांटकर लोगों को जिले के बने रहने के फायदे और इसे समाप्त करने के नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभिभाषक संस्था की ओर से न्यायालय में कार्य स्थगित कर विरोध जारी रहेगा।
संघर्ष समिति ने शहर में काली पट्टी बांधकर सरकार के निर्णय का विरोध जताया। यह प्रतीकात्मक विरोध आंदोलनकारियों के दृढ़ संकल्प और संघर्ष की तीव्रता को दर्शाता है। समिति ने शाहपुरा जिले के नागरिकों से अपील की कि वे आंदोलन को मजबूती देने के लिए अधिक से अधिक संख्या में समर्थन दें।
यज्ञ और विरोध प्रदर्शन के बाद शाहपुरा के नागरिकों में सरकार के इस फैसले के प्रति आक्रोश और गहराता जा रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। संघर्ष समिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में गांव-गांव जाकर पत्रक बांटने और जनजागरूकता बढ़ाने का कार्य उनकी रणनीति का अहम हिस्सा होगा। इसके जरिए ग्रामीणों को शाहपुरा जिले के बने रहने के लाभ और इसे समाप्त करने के संभावित दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाएगा। यज्ञ और विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शाहपुरा के नागरिक अपने जिले के अस्तित्व को बचाने के लिए पूरी तरह से संगठित और प्रतिबद्ध हैं। आंदोलनकारियों ने सरकार से मांग की है कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए शाहपुरा जिले को समाप्त करने का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद