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- 10 जनवरी को प्रदेश में हो सकती है बारिश, अगले दो दिन तक शीतलहर बढ़ाएगी ठिठुरन
भोपाल, 8 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। उत्तर भारत की तरफ से लगातार चल रही बर्फीली हवा के कारण प्रदेश में ठंड ने यू टर्न लिया है। बुधवार को मैदानी क्षेत्रों में सबसे कम 1.6 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में दर्ज किया गया, जबकि हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस पर रहा। वहीं, शाजापुर में रात का तापमान 2, सीहोर में 2.7 और भोपाल में 3.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। भोपाल, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में तीव्र शीतलहर रही। रतलाम, सिवनी और नीमच में भी शीतलहर का प्रभाव रहा। प्रदेश में सबसे कम दृश्यता 100 मीटर ग्वालियर एयरपोर्ट पर रही।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में सबसे कम न्यूनमम तापमान पचमढ़ी में 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले पचमढ़ी में 8 जनवरी 2013 को शून्य डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था। यहां न्यूनतम तापमान ने बीते 12 साल पुराने रिकॉर्ड को छुआ है। वहीं राजधानी भोपाल में भी 3.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, लगातार चल रही उत्तरी हवा के कारण ठंड के तेवर तीखे हो गए हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रह सकता है। इसके बाद 10 जनवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत पहुंचने के बाद कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इसके पूर्व 22 जनवरी 1962 में राजगढ़ में पारा 1.3 डिग्री सेल्सियस पर रहा था। नौ जनवरी 2013 को पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। राजधानी में भी इसके पहले 25 जनवरी 1970 को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस पर रहा था। उसके बाद 17 जनवरी 2011 को रात का पारा 3.6 डिग्री सेल्सियस पर रहा था।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। वहां से लगातार आ रही सर्द हवा से प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस तरह की स्थिति अभी दो दिन तक बनी रह सकती है। 10 जनवरी को एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। उसके प्रभाव से प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर