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दलित छात्रा आत्महत्या प्रकरण में महिला आईपीएस की लीड में बनी एसआईटी या सीबीआई
करे जांच : रजत कल्सन
हिसार, 8 जनवरी (हि.स.)। लोहारू क्षेत्र के फरटिया गांव की दलित छात्रा द्वारा
आत्महत्या किए जाने के मामले में नेशनल अलायंस फ़ॉर दलित ह्यूमन राइट्स की टीम ने अधिवक्ता
रजत कल्सन के नेतृत्व में पीड़ित परिवार से उसके घर पर जाकर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल
ने पीड़ित परिवार से जाकर मामले के हालात जाने तथा पुलिस जांच की ताजा हालात के बारे
में जानकारी ली।
नेशनल एलायंस फ़ॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने बुधवार को पीड़ित
परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि पीड़ित परिवार पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है।
पुलिस इस मामले में स्थानीय विधायक तथा खाप पंचायत के नुमाइंदों के दबाव में है तथा
मामले को आरोपियों की सुविधानुसार एंगल देकर मुख्य आरोपियों को बचाने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच अधिकारी का रिकॉर्ड एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों
में ठीक नहीं है तथा पहले भी कई जिलों में तैनाती के दौरान उसने एससी-एसटी एक्ट के
सत्य मामलों को खराब करने का काम किया है, इसलिए मौजूदा जांच अधिकारी से न्यायप्रिय
जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसे में इस मामले की जांच तुरंत किसी महिला आईपीएस
अधिकारी के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम से कराई जाए तथा मामले के सभी आरोपियों
से सख्ताई से पूछताछ कर गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा होगा अगर इस
मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा कराई जाए।
मौजूदा मामले में खाप पंचायत की दखलंदाजी की आलोचना करते हुए कलसन कहा कि खाप
पंचायत मामले की जांच को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं तथा पीड़ित परिवार को धमकाने
का काम कर रहे हैं जो नाकाबिले बर्दाश्त है। उन्होंने कहा कि खाप के नुमाइंदे मीडिया
के सामने एससी समाज के लिए अपमानजनक व अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं तथा इस
मामले में स्थानीय पुलिस को खाप पंचायत के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको गिरफ्तार
करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार भारी दहशत में है तथा पीड़ित परिवार के
अनुसार उनकी जान को खतरा है इसलिए उनकी टीम पीड़ित परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग
करती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर