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गोरखपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। एडी साइंटिफिक इंडेक्स ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 42 शिक्षकों को वर्ल्ड साइंटिस्ट्स एवं यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में मान्यता प्रदान की है। यह प्रतिष्ठित रैंकिंग विभिन्न शोध क्षेत्रों में वैश्विक संस्थानों की उपलब्धियों को मापती है, जिसमें शोधकर्ताओं के एच इंडेक्स और आई10 इंडेक्स जैसे महत्वपूर्ण कारकों को आधार बनाया गया है, जो वैज्ञानिकों के शोध पत्रों के उद्धरणों की गणना करते हैं।
वर्ष 2025 की इस रैंकिंग में, 221 देशों के 24,409 संस्थानों के कुल 23,95,573 वैज्ञानिकों का मूल्यांकन किया गया। उद्धरणों के आधार पर गोरखपुर विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 11 पायदान की बढ़त के साथ भारत में 433वीं रैंक प्राप्त की है, जबकि 2024 में यह 444वें स्थान पर था। आई10 इंडेक्स के आधार पर, विश्वविद्यालय ने एशिया में 27 स्थानों की छलांग लगाते हुए 984वीं रैंक प्राप्त की है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिकों में प्राणि विज्ञान विभाग के प्रो. रविकांत उपाध्याय, भौतिकी विभाग के डॉ. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव, जैवप्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. राजर्षि गौर और प्रो. दिनेश यादव शामिल हैं।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस उपलब्धि पर सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, “यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के समर्पण और उत्कृष्टता का परिणाम है। गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, और हमें गर्व है कि हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। मैं भविष्य में इस सफलता को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद करती हूं।”
गोरखपुर विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के साथ यह भी साबित किया है कि शोध और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के शिक्षक और शोधकर्ता लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय