खरगोनः लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर त्री शताब्दी जन्मोत्सव पर मुद्रा महोत्सव का हुआ शुभारंभ
- प्राचीन एवं विदेशी मुद्रा का प्रदर्शनी में किया जा सकता है अवलोकन खरगोन, 8 जनवरी (हि.स.)। लोकमाता अहिल्या होल्कर के त्री शताब्दी जन्मोत्सव पर राधाकुंज परिसर नूतन नगर खरगोन में बुधवार को दो दिवसीय मुद्रा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। विधायक बालकृष्ण
अहिल्या बाई होल्कर त्री शताब्दी जन्मोत्सव पर मुद्रा महोत्सव का हुआ शुभारंभ


- प्राचीन एवं विदेशी मुद्रा का प्रदर्शनी में किया जा सकता है अवलोकन

खरगोन, 8 जनवरी (हि.स.)। लोकमाता अहिल्या होल्कर के त्री शताब्दी जन्मोत्सव पर राधाकुंज परिसर नूतन नगर खरगोन में बुधवार को दो दिवसीय मुद्रा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। विधायक बालकृष्ण पाटीदार, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, जिला पंचायत सीईओ आकाश सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष छाया जोशी, निदेशक राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण इंदौर प्रकाश परांजपे, सेवानिवृत्त कंजर्वेशन अधिकारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देवेन्द्र सूद, अमित शर्मा की उपस्थिति में इस महोत्सव का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर मिलन कुमार महाजन द्वारा पुराने सिक्कों एवं मुद्राओं की आकर्षक एवं ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी जिला पुरातत्व, पर्यटन और संस्कृति विभाग, खरगोन के सहयोग से आयोजित की गई है। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मितल महाजन के संग्रह की सराहना की।

विधायक पाटीदार ने इस अवसर पर कहा कि खरगोन का इतिहास अहिल्या माता से जुड़ा हुआ है। यहां का प्राचीन किला होल्कर शासकों ने बनाया था। पूरे खरगोन क्षेत्र में बावड़िया, मंदिर, स्मारक अहिल्या माता ने बनवाएं है। इतिहास की पुराने वस्तुओं को देखने से बहुत कुछ सीखने मिलता है। मुद्रा महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनी में प्राचीन काल के सिक्कों को भी प्रदर्शित किया गया है। इसे देखकर पता चलता है कि पुराने समय में मानव जीवन कैसा था और आपसी लेनदेन में किन वस्तुओं का आदान-प्रदान करते थे।

प्रदर्शनी में मुद्रा संकलनकर्ता एवं शोधकर्ता मिलन कुमार महाजन के लगभग 20 वर्षों से संकलित दुर्लभ, विविध प्रकार के सिक्के प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें पुरातात्विक महत्व के सिक्को के साथ लगभग 150 देशो के विभिन्न प्रकार के नोट, सिक्के के साथ ही ब्रिटिश काल के और भारत के देशी रियासतो के भिन्न प्रकार से स्टाम्प पेपर चेक हुंडी भी प्रदर्शित किए गए हैं।

पर्यटन शाखा के नोडल नीरज अमझरे ने बताया कि इस प्रदर्शनी में अन्य कई दुर्लभ कलाकृतियों जैसे विभिन्न मैडल, मुगल कालीन सील, रियासत कालीन बाट, एन्शिएंट बीड्स, टोकन भी प्रदर्शन किये गए हैं। यह प्रदर्शनी विशेष रूप से जिले के छात्रों और आम जनता के लिए एक समृद्ध अनुभव प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। यह कार्यक्रम दो दिनों तक आम जनता के लिए निशुल्क खुला रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर