कैथल में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हजार पार
पूंडरी खंड में सबसे अधिक इजाफा, अब तक 242 की मौत कैथल, 8 जनवरी (हि.स.)। कैथल जिला में पिछले एक साल में एचआईवी संक्रमित मामले बढ़े हैं। अब जिले में 2800 से बढ़कर संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हजार से अधिक पर पहुंच गई। इस समय सबसे अधिक पूंडरी खंड में
प्रतीकात्मकचित्र


पूंडरी खंड में सबसे अधिक इजाफा, अब तक 242 की मौत

कैथल, 8 जनवरी (हि.स.)। कैथल जिला में पिछले एक साल में एचआईवी संक्रमित मामले बढ़े हैं। अब जिले में 2800 से बढ़कर संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हजार से अधिक पर पहुंच गई। इस समय सबसे अधिक पूंडरी खंड में यह मामले बढ़ रहे हैं। वहीं वर्ष 2017 से लेकर अब तक 242 मौतें भी हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या 18 साल से कम आयु वाले लोगों की है।

जिले में जहां वर्ष 2023 में 2800 मरीज सामने आए थे। वहीं, वर्ष 2024 में मरीजों की संख्या बढ़कर 3083 तक पहुंच गई है। इन मरीजों में 2360 मरीज एक्टिव हैं, जिनकी इस समय दवा अस्पताल से चल रही है। 18 साल से कम आयु के 84 मरीज हैं। यह बीमारी बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही है। गौरतलब है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर चलाया जा रहा है। इसमें एचआइवी मरीजों को दवा दी जाती है। वहीं विभाग की तरफ से मरीजों को बीमारी से बचाव को लेकर जागरूक किया जाता है। विभाग के अनुसार जिले में कैथल, गुहला, कलायत व पूंडरी में भी आइसीटी सेंटर बनाया गया है।

एचआईवी का संक्रमित मरीज से दूसरे व्यक्ति के इसकी चपेट में आना, लगातार बढ़ रही नशे करना के सीरिंज का प्रयोग करने के साथ-साथ माता से शिशु के बीच संक्रमण फैलना है। मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार स्क्रीनिंग करता है। जांच के लिए जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी जांच हो रही है। पुष्टि होने के बाद नागरिक अस्पताल में खोले गए एआरटी सेंटर में मरीजों की काउंसलिंग कर दवाई दी जाती है।

नागरिक अस्पताल के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन मांडले ने बुधवार काे बताया कि एचआईवी एड्स की बीमारी से बचाव के लिए जिला नागरिक अस्पताल में ओएसडी केंद्र बनाया गया है। यहां पहुंचकर कोई भी मरीज बीमारी का इलाज करवा सकता है। इससे बचाव के लिए विभाग लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मरीजों को निशुल्क दवाई दी जाती है। इस बीमारी के पीड़ित को 2250 रुपये की राशि भी आर्थिक सहायता के रूप में दी जाती है। वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिले में पहले 2800 के करीब मरीज थे, जो अब तीन हजार से पार हो गए हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए विभाग की तरफ से लोगों को बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेश कुमार भारद्वाज