हाईकोर्ट ने ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के आरोपित अमित अग्रवाल की जमानत आवेदन खारिज
बिलासपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। हाईकोर्ट ने ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के आरोपित अमित अग्रवाल का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है। आरोपित के खिलाफ मोहन नगर थाना सहित देश के विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज है। कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमान
छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट


बिलासपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। हाईकोर्ट ने ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के आरोपित अमित अग्रवाल का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है। आरोपित के खिलाफ मोहन नगर थाना सहित देश के विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज है। कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार किया है। उल्लेखनीय है कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एसीबी ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है। मामले में मई 2024 को ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज किया है। जेल में बंद आरोपित अमित अग्रवाल ने हाई कोर्ट में आवेदन में कहा, कि दर्ज एफआईआर में आवेदक का नाम नहीं है, उसे झूठे मामले में फंसाया गया हैं। जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने बुधवार काे जमानत आवेदन को खारिज किया है।

महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एसीबी ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है। इस मामले में मई 2024 को ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज किया है। जेल में बंद आरोपित अमित अग्रवाल ने हाई कोर्ट में जमानत आवेदन पेश किया था। आवेदन में कहा गया कि दर्ज एफआईआर में आवेदक का नाम नहीं है। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। आवेदक का कहना है कि वह सह-अभियुक्त अनिल उर्फ ​​अतुल का छोटा भाई है, जो महादेव बुक के संचालकों में से एक हैं और संबंधित हैं। वह वर्तमान में दुबई में रहकर काम कर रहे हैं। मामले में 145 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया जाना है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसौदिया का उदाहरण पेशकर जमानत दिए जाने की मांग की। ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया, कि मामले सट्टेबाजी ऐप का उपयोग किया गया है, वर्तमान आवेदक अपनी पत्नी के नाम पर सम्पत्ति खरीदा गया। आवेदक चतुर्भुज शर्मा को अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रु. का लेनदेन किया जो उनके और उनकी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए । अपने परिवार के सदस्यों के खातों में नकद जमा करना और प्राप्त करना बैंक प्रविष्टियाँ की गईं।

जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा, जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर और गवाहों के बयान आवेदक के विरुद्ध आता है। कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi