फरीदाबाद : पवित्रता, स्वच्छता और आध्यात्मिकता का समागम है श्री सिद्धदाता आश्रम : स्वामी राघवाचार्य
पहली बार श्री सिद्धदाता आश्रम पहुंचे कथाकार जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य अभिभूत फरीदाबाद, 8 जनवरी (हि.स.)। प्रसिद्ध कथाकार जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य महाराज बुधवार काे पहली बार श्री सिद्धदाता आश्रम पहुंचे और यहां की दिव
स्वामी राघवाचार्य के साथ स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य आश्रम में


पहली बार श्री सिद्धदाता आश्रम पहुंचे कथाकार जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य अभिभूत

फरीदाबाद, 8 जनवरी (हि.स.)। प्रसिद्ध कथाकार जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य महाराज बुधवार काे पहली बार श्री सिद्धदाता आश्रम पहुंचे और यहां की दिव्यता और भव्यता को देखकर अभिभूत हुए। उन्होंने कहा कि वह वर्षों से इस दिव्यधाम के बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन आने का अवसर आज प्राप्त हुआ है। वह यहां बार बार आना चाहेंगे। डॉ राघवाचार्य ने बताया कि श्री सिद्धदाता आश्रम वास्तव में पवित्रता, स्वच्छता, सुंदरता और आध्यात्मिकता का समागम है जिसे वैकुंठवासी जगदगुरु स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने अपने तप से सींचा है। उन्होंने यहां अपनी साधना के बल पर असंख्य भक्तों का कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि एनसीआर क्षेत्र में श्री रामानुज मत को मानने वाला इतना विशाल संस्थान संचालित हो रहा है। जहां आने वालों के जीवन में आश्चर्यजनक बदलाव हो रहे हैं। जिसे वर्तमान आचार्य जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज बड़े जतन से संभाल रहे हैं। यहां अपने श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान, श्री सीताराम भगवान और अपने परमाचार्य भाष्यकार रामानुज स्वामी के दिव्य स्वरूप के दर्शन प्राप्त हुए हैं जिससे मैं यहां आकर बड़ा आह्लादित हूं। इस अवसर पर आश्रम के अधिष्ठाता जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने स्वामीश्री का स्वागत किया और उन्हें आश्रम की समस्म व्यवस्थाओं को दिखाया। जिसमें आश्रम परिसर में संचालित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम मंदिर, विशाल यज्ञशाला, स्वचालित मशीनों से युक्त रसोई घर, संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज की समाधि स्थल बगीची, स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय, पुस्तकालय, औषधालय, श्री नारायण गौशाला, पर्यावरण सुरक्षा आदि सहित अन्य जनहित की सेवाओं की जानकारी दी। जिससे स्वामीश्री राघवाचार्य बेहद अभिभूत नजर आए। उन्होंने कहा कि वह श्री सिद्धदाता आश्रम की कीर्ति से परिचित थे लेकिन आज आगमन हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर