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-अनुभूति कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य के राजघाट एवं देवरी ईको सेंटर पर दी जा रही गहन जानकारी
मुरैना, 8 जनवरी (हि.स.)। बच्चे जिन्हें अभी तक मालूम ही नहीं था कि विलुप्त प्राय: जलीव जीव और पक्षी कौन से है। उन्हें यह महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए वन विभाग ने एक अच्छा कदम उठाया है। बुधवार काे स्कूली बच्चों को चंबल घाट पर ले जाकर खेल-खेल मे उन्हेे इन जीव और पक्षियों के बारे में बताया गया।
बच्चें भी जानकारी पाकर काफी खुश दिखे। उन्हें न सिर्फ ज्ञानवर्धक बातें मालूम हुई बल्कि उन्हें यहां आकर आनंद भी आया। मौका था वन विभाग द्वारा 31 जनवरी तक संचालित अनुभूति कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य के राजघाट एवं देवरी ईको सेंटर पर घडिय़ाल, मगर, कछुओं का अवलोकन कराकर उनके विषय में बच्चों को गहन जानकारी देने का। इस दौरान बच्चों के मन में कई सवाल भी आए।
सवाल पूछे जाने पर उन्हें बड़े आसान तरीके से जबाब भी दिए गए।
विशेषज्ञों ने बच्चों को बीहड़ व नदी में पाई जाने वाली औषधियों व पौधों की उपयोगिता प्राकृतिक वातावरण व मानव जीवन में क्या है, इस बारे मे भी जानकारी दी। उन्हें वृक्ष एवं वनों के महत्व, पर्यावरण, खाद्य शृंखला तथा भू-जल संरक्षण हेतु बनाये गये बोल्डर चेक डैम से भी रूबरू कराया गया है। शुद्ध पर्यावरण में गिद्ध तथा श्रम विभाजन के लिये दीमक की भूमिका क्या है, इस बारे मे भी जानकारी दी।
चंबल सफारी का भ्रमण करा घडियाल, डॉल्फिन, कछुआ दिखवाएं -
चंबल सफारी में विद्यार्थियों को भ्रमण के दौरान जलीय जीव मगर, घडिय़ाल, डॉल्फिन, कछुआ व प्रवासी पक्षियों का अवलोकन कराने के साथ ही जैव विविधिता के संरक्षण से भी अवगत कराया है। नदियों, जंगल से मानव जीवन को होने वाले लाभ, सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के विषय में जागरूकता के लिये अनेक प्रतियोगिता आयोजित कीं गईं हैं। उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण भी प्रदान किये। विद्यार्थियों ने भी अनुभूति कार्यक्रम के तहत जंगल, नदी, बीहड़, जलीय जीव, प्रवासी पक्षी को देखकर सुखद अनुभूति प्राप्त की।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा