केंद्र ने एआई-संचालित 5-जी आरएएन प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए एआई टच के वित्त पोषण को मंजूरी दी 
नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने एआई-संचालित 5-जी आरएएन प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए एआई टच को वित्त पोषण की मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 5-जी नेटवर्क में परिचालन दक्षता लाएगी। इसमें आरएएन इंटेलिजेंट कंट्रोलर (आरआईसी), सर्विस मैनेजमें
5-जी के लोगो का प्रतीकात्मतक चित्र


नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने एआई-संचालित 5-जी आरएएन प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए एआई टच को वित्त पोषण की मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 5-जी नेटवर्क में परिचालन दक्षता लाएगी। इसमें आरएएन इंटेलिजेंट कंट्रोलर (आरआईसी), सर्विस मैनेजमेंट एंड ऑर्केस्ट्रेशन (एसएमओ) और नेटवर्क डेटा एनालिटिक्स फंक्शन (एनडब्ल्यूडीएएफ) मॉड्यूल शामिल हैं। इसके कार्यान्वयन की देख-रेख सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) करेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टच एलएलपी को 5-जी आरएएन (रेडियो एक्सेस नेटवर्क) के घटकों को विकसित करने के लिए दूरसंचार विभाग की योजना के तहत वित्त पोषण प्रदान किया गया है।

सी-डॉट के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने बुधवार को इस अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि कार्यान्वयन भागीदार के रूप में सी-डॉट यह सुनिश्चित करेगा कि परियोजना तकनीकी विकास के उच्चतम मानकों का पालन करे। वहीं, टीटीडीएफ (दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि) के डीडीजी डॉ. पराग अग्रवाल ने कहा, यह परियोजना न केवल एआई-संचालित प्रगति लाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर 5जी पारिस्थितिकी तंत्र की नींव भी रखेगी।

मंत्रालय के मुताबिक एआई टच एलएलपी को दूरसंचार विभाग की यूएसओएफ (जिसे अब डिजिटल भारत निधि के नाम से जाना जाता है) की टीटीडीएफ योजना के तहत वित्‍तीय अनुदान प्रदान किया गया है। एआई टच 5-जी आरएएन (रेडियो एक्सेस नेटवर्क) के लिए घटकों का विकास करेगा जिसमें आरएएन इंटेलिजेंट कंट्रोलर (आरआईसी), सर्विस मैनेजमेंट एंड ऑर्केस्ट्रेशन (एसएमओ) और नेटवर्क डेटा एनालिटिक्स फंक्शन (एनडब्ल्यूडीएएफ) मॉड्यूल शामिल हैं।

इस परियोजना से ऐसे समाधान मिलने की उम्मीद है, जो परिचालन जटिलताओं को कम करेंगे। मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों (एमएनओ) के लिए लागत दक्षता में सुधार करेंगे और दूरसंचार क्षेत्र में नए प्रयोगों का समर्थन करेंगे। इसका उद्देश्य स्वदेशी 5-जी इकोसिस्‍टम के विकास में योगदान देना और भविष्य की प्रगति के लिए आधार तैयार करना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर