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जयपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की प्रतिबद्धता की दिशा में चिकित्सा शिक्षा विभाग निरंतर नवाचार कर रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर अब प्रदेश के अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी देश के नामी निजी एवं राजकीय अस्पतालों का भ्रमण कर वहां अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज, प्रबंधन एवं विशेषज्ञ सुविधाओं का अध्ययन करेंगे। इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।
नामी अस्पतालों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने की शुरुआत बुधवार को जयपुर के प्रतिष्ठित संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल से की गई। चिकित्सा शिक्षा सचिव के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा विभाग, एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज एवं उनसे सम्बद्ध अस्पतालों के अधिकारियों ने दुर्लभजी अस्पताल में बेस्ट प्रैक्टिसेज और प्रबंधकीय व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।
अधिकारियों के दल ने दुर्लभजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से दिए गए विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से वहां चिकित्सक एवं रोगी अनुपात, नर्सिंग व्यवस्था, साफ सफाई, क्यू मैनेजमेंट, विशेषज्ञ सेवाएं, अस्पताल स्टाफ और उनके नियोजन, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, आईपीडी आदि के बारे में जाना। प्रजेंटेशन के दौरान बताया गया कि किस तरह से बेहतर चिकित्सा एवं नर्सिंग सेवाएं देने के लिए अस्पताल में स्टाफ का प्रबंधन किया जा रहा है। आईसीयू एवं वार्ड में पेशेंट फ्रेंडली व्यवस्थाओं के लिए क्या उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। अस्पताल में जांच सुविधाओं की स्थिति का भी अधिकारियों ने अध्ययन किया। अधिकारियों के दल ने अस्पताल परिसर में ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी, जनरल वार्ड, फूड कोर्ट, लैब, बल्ड बैंक आदि स्थानों का अवलोकन कर व्यवस्थाओं को देखा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में देश दुनिया के नामी विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशिक्षित स्टाफ एवं मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित अस्पतालों में करीब 3.45 करोड़ सालाना ओपीडी, 35 हजार से अधिक बेड हैं और 27 लाख से ज्यादा सर्जरी की जाती हैं। साथ ही, संसाधनों की समुचित उपलब्धता है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता से पहुंच सुनिश्चित करने में कभी—कभी प्रबंधकीय कमी महसूस होती है। इन प्रबंधकीय कमियों को दूर कर राजकीय अस्पतालों को अधिक पेशेंट फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रतिष्ठित अस्पतालों का भ्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ही नहीं देशभर के निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के चिकित्सालयों का भ्रमण किया जाएगा और जो छोटी—छोटी प्रबंधकीय बाधाओं को दूर किया जाएगा। गुरुवार को अधिकारियों का दल जयपुरिया अस्पताल के सामने स्थित राजस्थान अस्पताल का भ्रमण कर वहां उपलब्ध सुविधाओं एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करेगा।
शासन सचिव ने दुर्लभजी अस्पताल में रोगियों के परिजनों के लिए फूड कोर्ट्स, दैनिक जरूरतों की वस्तुओं के लिए जनरल स्टोर्स, क्यूआर कोड के माध्यम से लिखकर या बोलकर पेशेंट फीडबैक मेकैनिज्म की व्यवस्था, सफाई व्यवस्था के लिए चेक एवं सुपरवाइजर की व्यवस्था, ग्रीन एरिया, ध्यान केंद्र, सार्वजनिक पूजा स्थल, एलइडी साइन बोर्ड, मल्टी स्टोरी पार्किंग जैसी बेस्ट प्रेक्टिसेज को राजकीय अस्पतालों में भी अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन प्रेक्टिसेज के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप