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रामगढ़, 8 जनवरी (हि.स.)। रामगढ़ जिले के चुटूपालू स्थित शहीद स्थल पर बुधवार को आजसू के जरिये महान स्वतंत्रता सेनानी शेख भिखारी और टिकैत उमरांव सिंह के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यहां श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मनोज कुमार महतो ने कहा कि देश की आजादी में इन दोनो वीर सपूतों का महान योगदान है।
उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए लोगो को संगठित किया। जिसके फलस्वरूप छोटानागपुर क्षेत्र में अंग्रेजो के विरूद्ध संगठित आंदोलन आरंभ हुआ। शेख भिखारी के साहस को देखकर उन्हें राजा ठाकुर विश्वनाथ ने दीवान बनाया था। शेख भिखारी ने 1857 में अंगेजी सेना की रामगढ़ छावनी पर अचानक से हमला कर दिया। 6 जनवरी 1857 को कमांडर मैक डोलाल्ड ने शेख भिखारी तक पहुंचने के गुप्त रास्ते का पता लगाया। इसके बाद उसने शेख भिखारी और टिकैत उमरांव सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोनों महान सपूतोें को बिना मुकदमा के 8 जनवरी 1858 को चुटूपालू में फांसी दे दी गयी। दोनो महान वीरों का बलिदान आनेवाले कई वर्षों तक लोगों को प्रेेरित करता रहेगा। श्रद्धांजलि सभा में महेश करमाली, राजेंद्र महतो, बब्लू करमाली, देवधारी महतो, रोशन कुमार, संजय करमाली, प्रशांत महतो, झगरू महतो, बालकिशुन महतो, दीपक बेेदिया सहित कई लोग मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश