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बाड़मेर, 7 जनवरी (हि.स.)। सामाजिक कार्यकर्ता और फैशन डिजाइनर डॉ. रूमादेवी के नेतृत्व में रूमादेवी फाउंडेशन द्वारा बाड़मेर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसका नेतृत्व स्थानीय क्षेत्र की महिलाएं स्वयं आगे आकर कर रही है। इस अभियान का उद्देश्य हमारे समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाना और एक स्वस्थ, सशक्त भविष्य की दिशा में कार्य करना है।
रूमादेवी ने बताया कि नशा हमारे समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल लोगों को जागरूक करना है, बल्कि उन्हें नशे से बाहर निकालने में मदद करना भी है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति की मुहिम स्थानीय महिलाएं स्वयं करने के लिए आगे आई है जिससे यह अभियान प्रभावी तरीके से चलाना संभव हो पाया है।
रूमादेवी फाउंडेशन की प्रवक्ता अनिता व कविता कुमारी ने बताया कि अभियान के तहत पोकरासर, एरोवाला (सोडियार), बलदेव नगर, खारावाला, जसाई, मालपुरा, हाजनियो की ढाणी (केरली), कपुरडी, बेनिवालसर (खेमपुरा), बिसारनिया और बसरा सहित कई गांवों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इन कार्यक्रमों में स्थानीय निवासियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया और इसके खिलाफ एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया गया।
कार्यक्रमों के दौरान विभिन्न कार्यशालाएं और परामर्श सत्र आयोजित किए गए, जिनके माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा केवल व्यक्ति ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है।
जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर, बैनर और पंपलेट वितरित किए गए। साथ ही नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को परामर्श और सहायता भी प्रदान की गई। डॉ. रूमादेवी ने यह भी कहा कि यह अभियान जिसमें महिलाएं स्वयं जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही है वो केवल शुरुआत है। फाउंडेशन अगले चरणो में अधिक गांवों और क्षेत्रों में इस पहल को ले जाएगा, ताकि बाड़मेर और इसके आसपास के इलाकों को नशामुक्त बनाने का सपना साकार हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित