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सियोल, 07 जनवरी (हि.स.)। महाभियोग झेल रहे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की हिरासत के लिए कोर्ट से नया वारंट जारी किया गया है। हालांकि भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने वारंट की अवधि को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। आमतौर पर वारंट की समयसीमा 10 दिनों की होती है।
कोर्ट की तरफ से मिले इस नये वारंट के जरिए भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी राष्ट्रपति यून को हिरासत में लेने की प्रकिया में लगी है। जांच एजेंसी ने पिछले सप्ताह भी यून को हिरासत में लेने की कोशिश की थी, हालांकि तब राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा ने उसके प्रयास को विफल कर दिया था।
इस मामले में पूछताछ के लिए जांच अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं होने पर ‘सियोल वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ ने यून को हिरासत में लेने का वारंट 31 दिसंबर को जारी किया था। फिलहाल यून अपने आधिकारिक आवास में हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाना काफी जटिल है।
बतादें कि संसद द्वारा पिछले साल 14 दिसंबर को राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान करने के बाद यून की राष्ट्रपति पद की शक्तियों को निलंबित कर दिया गया था। संवैधानिक न्यायालय ने इस बात पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है कि यून को औपचारिक रूप से पद से हटाया जाए या उन्हें बहाल किया जाए। अगर जांचकर्ता यून को हिरासत में लेने में कामयाब हो जाते हैं, तो वे औपचारिक गिरफ्तारी करने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे अन्यथा उन्हें (यून को) 48 घंटे बाद रिहा कर दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय