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गुवाहाटी, 07 जनवरी (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में अच्छी प्रगति करते हुए अन्य रेलवे जोनों के साथ इस प्रयास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पूसीरे ने क्षमता वृद्धि कार्यों के लिए आवंटित पूंजीगत व्यय निधि का 99.24 प्रतिशत अब तक उपयोग किया है। इसके अलावा, दोहरीकरण कार्यों के लिए 75.51 प्रतिशत निधि और संरक्षा संबंधी कार्यों के लिए 60.78 प्रतिशत निधि का भी उपयोग किया जा चुका है। नए रोड ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए आवंटित निधि का 71.43 प्रतिशत उपयोग किया जा चुका है और पुल संबंधी कार्यों के लिए भी 71.96 प्रतिशत धनराशि फलदायी तौर पर खर्च हुई है।
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि भारतीय रेल ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में अच्छी प्रगति की है, दिसंबर 2024 तक कुल कैपेक्स 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसके माध्यम से, रेलवे ने पहले ही पूंजी आवंटन का 76 प्रतिशत उपयोग कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 4875 करोड़ रुपये अधिक है।
रेलवे की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के सृजन के लिए पूंजीगत व्यय की आवश्यकता है, जिससे न केवल संरक्षा, दक्षता और यात्री सुविधा में वृद्धि होती है, बल्कि मांग, आय और रोजगार का सृजन करते हुए अर्थव्यवस्था पर भी बहुविध सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ट्रेनों की आवाजाही को आसान बनाने, बेहतर यात्री अनुभव प्रदान करने और सुरक्षित रेल नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश कर रही है। प्रमुख फोकस क्षेत्रों में नई लाइनें, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण, परिवहन सुविधा कार्य, रेलवे का बिजलीकरण के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों, गुड्स टर्मिनलों और अन्य बुनियादी अवसंरचना के आधुनिकीकरण जैसी क्षमता वृद्धि शामिल है। संरक्षा कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में संरक्षा से संबंधित कैपेक्स का 82 प्रतिशत अब तक खर्च किया जा चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश