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कोलकाता, 07 जनवरी (हि. स.)। मालदा के इंग्लिश बाजार नगर पालिका के तृणमूल पार्षद दुलाल सरकार की हत्या के पांच दिन बाद भी पुलिस मामले को सुलझाने में असमर्थ रही है। इस बीच, पुलिस ने तृणमूल के नगर अध्यक्ष और जिला हिंदी प्रकोष्ठ प्रमुख नरेंद्र नाथ तिवारी और उनके दो भाइयों धीरेंद्र नाथ और अखिलेश से लंबी पूछताछ की है। इस पूछताछ के बाद पार्टी के भीतर गुटीय संघर्ष को और बल मिल रहा है।
दो जनवरी को दुलाल सरकार, जिन्हें बाबला के नाम से जाना जाता था, अपनी फैक्ट्री जा रहे थे। पाइपलाइन मोड़ इलाके में अपनी गाड़ी से उतरते ही चार हमलावर बाइक पर आए और उनका पीछा किया। दुलाल जान बचाने के लिए अपनी फैक्ट्री के सामने स्थित एक दुकान में घुस गए, लेकिन हमलावरों ने वहां भी घुसकर उन पर चार गोलियां चला दीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
इस हत्या के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिला पुलिस अधीक्षक की कड़ी आलोचना की। अब तक पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो संदिग्ध, कृष्णा रजक उर्फ रोहन और बबलू यादव, फरार हैं। पुलिस ने इन दोनों पर दो-दो लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
हत्या का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस तृणमूल के दो गुटों के बीच पुराने विवाद की जांच कर रही है। 2022 के नगर निगम चुनावों के दौरान दुलाल और नरेंद्र नाथ के गुटों के बीच झड़पें हुई थीं। उस समय दुलाल गुट ने नरेंद्र और उनके भाइयों पर हमले का आरोप लगाया था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह हत्या उसी विवाद का नतीजा तो नहीं है।
पूछताछ के दौरान धीरेंद्र नाथ तिवारी ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि इस घटना में हमारे परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं है। हमें झूठा फंसाया जा रहा है, लेकिन हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर