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धर्मशाला, 7 जनवरी (हि.स.)। बौद्ध नगरी मैक्लोडगंज में इस वर्ष जुलाई महीने में तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के 90वें जन्मदिन पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विश्व के करीब 20 देशों के लोगों के प्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के साथ बड़ी संख्या में लोगों के धर्मगुरु का आशीर्वाद लेने के लिए मैक्लोडगंज पहुंचने की संभावना है।
धर्मगुरु के 90वें जन्मदिन पर होने वाले कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए तिब्बती प्रशासन ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग से भी संपर्क साधकर चर्चा की है। धर्मगुरु के 90वें जन्मदिन के चलते केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने इस वर्ष को शांति वर्ष के रूप में मनाने का भी ऐलान किया है। धर्मगुरु दलाईलामा के निवास के चलते मैक्लोडगंज इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टीनेशन में शुमार है, जहां वर्ष भर विभिन्न देशों के विदेशी पर्यटक व बौद्ध अनुयायी आते हैं।
धर्मगुरु की शिक्षाओं के श्रवण के लिए भी विदेशी पर्यटक यहां साल भर आते हैं। साथ ही धर्मशाला स्टेडियम में होने वाले मैचों के दौरान भी देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से क्रिकेट प्रेमी धर्मशाला व मैक्लोडगंज आते हैं। धर्मगुरु दलाई लामा का पूरे विश्व में शांति और करुणा के संदेश को लेकर एक बड़ा नाम है।
वर्ष 2025 को शांति वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके विश्व भर में शांति और करुणा के संदेश को फैलाने के लिए 10 दिसंबर, 1989 को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। धर्मगुरु को यह पुरस्कार उनके लोगों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए सहिष्णुता और आपसी सम्मान पर आधारित शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करने के लिए दिया गया था। यही वजह है कि धर्मगुरु के 90वें जन्मदिन के मौके पर तिब्बती प्रशासन ने उनके जीवन और व्यापक विरासत का जश्न मनाने के लिए वर्ष 2025 को शांति वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
उधर पर्यटन जिला अधिकारी विनय धीमान ने बताया कि धर्मगुरु दलाईलामा के जन्मदिन पर इस बार करीब 20 देशों के प्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है, जो कि धर्मगुरु के जन्मदिन पर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इस संबंध में तिब्बतियन प्रशासन ने पर्यटन विभाग से बात की है। ऐसे में संभावना है कि वर्ष 2025 कांगड़ा घाटी में पर्यटन के लिए बेहतर साबित होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया