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नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया। इसमें बताया गया है कि वास्तविक जीडीपी इस वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अस्थायी अनुमान 8.2 फीसदी रहने की बात कही गई है। ऐसे में जीडीपी ग्रोथ बीते चार साल मे पहली बार 7 फीसदी से नीचे आ सकती है।
एनएसओ का चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुमान से कम है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 से सालाना ग्रोथ रेट 7 फीसदी से ऊपर ही बनी हुई है। एनएसओ की वृद्धि दर का यह अनुमान पिछले वित्त वर्ष की विकास दर की तुलना में काफी कम है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी 6.7 फीसदी की दर से बढ़ने के बाद दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अर्थव्यवस्था 5.4 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो अपेक्षा से कम है। एनएसओ ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी के पहले अग्रिम अनुमान को स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर जारी किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर