मुख्यमंत्री  हेमंत के अवैध लॉटरी पर नकेल कसने के निर्देश के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा कारोबार
दुमका, 7 जनवरी (हि.स.)। लॉटरी माफियाओं की जड़े इतनी मजबूत है कि क्या मुख्यमंत्री, क्या डीसी सभी के फरमान नाकाफी साबित हो रहे है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीसी दुमका ए दोड्डे के रोक और कार्रवाई निर्देश के बावजूद उपराजधानी दुमका में लॉटरी का अवैध का
सीएम का ट्वीट एवं टिकट


दुमका, 7 जनवरी (हि.स.)। लॉटरी माफियाओं की जड़े इतनी मजबूत है कि क्या मुख्यमंत्री, क्या डीसी सभी के फरमान नाकाफी साबित हो रहे है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीसी दुमका ए दोड्डे के रोक और कार्रवाई निर्देश के बावजूद उपराजधानी दुमका में लॉटरी का अवैध कारोबार बखूबी फल-फूल रहा है।

मुख्यमंत्री और डीसी के ट्वीट कर रोक एवं कार्रवाई के निर्देश के बावजूद कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीसी के कार्रवाई के ट्वीट के बाद एक-दो दिनों तक चोरी छुपे लॉटरी टिकट इक्का-दुक्का जगह बिकता देखा गया। फिर अचानक लॉटरी का टिकट बिहार सरकार के शराब बंदी के तर्ज पर रोक के बजाय होम सप्लाई होने लगा।

लॉटरी विक्रेता क्या युवा, क्या बेरोजगार, क्या बुर्जुग घर-घर तक पहुंच बनाने में जुट गये। आलम अब यह है कि चौक-चौराहे के छोटे-मोटे दुकानों में लॉटरी टिकट खुलेआम बेचने लगे। यहां तक की पहले तो डे-नाईट टिकट बिक्री होती थी। अब तो मॉर्निंग, इवनिंग और नाईट में खुलेआम ब्रिकी होने लगा है।

माफियाओं की हिम्मत का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि अवैध लॉटरी पाबंद के बावजूद जाली टिकट लोगों को बेचा जा रहा है। जिसका रिजल्ट हू-ब-हू पश्चिम बंगाल के टिकट से मिलान कर लॉटरी में उठे पैसे से मिलते है। रिजल्ट में उठे छोटे-मोटे प्राईज तो लोगों को मिल जा रहे है। लेकिन बड़ी प्राईज उठने पर लोगों का माफियाओं का धौंस भी सहना पड़ रहा है और बदलें प्राईज के पैसे मिलना तो दूर प्रशासन के जाने पर उल्टे लोगों को नसीहतें से सुनना पड़ जाता है। वहीं लोग किस्मत आजमाने से बाज भी नहीं आ रहे है।

खासकर युवा इस चक्कर में पहले से और अधिक बर्बादी की राह पकड़ लेते है। प्राईज को लेकर आये दिन चौक-चौराहे पर बिक्रेता और क्रेता में नोक-झोंक की घटना भी सामने आती रहती है। हालांकि समय समय पर प्रशासन दिखावे के लिए कार्रवाई भी करती है। लेकिन वो महज खानापूर्ति ही साबित होता है। माफियाओं की हौंसले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते शनिवार की सुबह जिला प्रशासन ने मिनी बस स्टैंड में बस से लॉटरी टिकट से भरा पांच कार्टून जब्त की। महज खानापूर्ति के लिए प्रशासन अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर बैठ गई। इक्का-दुक्का कार्रवाई भी होती है। रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले छोटे-मोटे विक्रेता को सलाखों के पिछले भेज बड़े कारोबारी को आसानी से छूट दे दी जाती है। सूत्रों की माने तो स्थानीय प्रशासन के मौन सहमति से कारोबार चलता है। जब्ती की कार्रवाई माफियाओं के बीच धंधे में वर्चस्व को लेकर हुई है। अपने फायदे को लेकर विरोधी माफिया का माल जब्त करवा दिया जाता है। माफिया शहर एवं जिले को चार जोन में बांट कर अपने-अपने इलाके में अपनी-अपनी टिकट बेचते है। जिसमें एक विशेष मार्का होता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार