भोगाली बिहु की तैयारियों में जुटे असम के गांव।
गोलाघाट (असम), 06 जनवरी (हि.स.)। भोग और उत्सव का पर्व भोगाली बिहु के आगमन में अब कुछ ही दिन शेष हैं, और असम के हर गांव में तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भव्य भेलाघरों के निर्माण की तैयारिया शुरू हो चुकी हैं। गोलाघाट जिले के नु
भोगाली बिहु की तैयारियों में जुटे असम के गांव।


गोलाघाट (असम), 06 जनवरी (हि.स.)। भोग और उत्सव का पर्व भोगाली बिहु के आगमन में अब कुछ ही दिन शेष हैं, और असम के हर गांव में तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भव्य भेलाघरों के निर्माण की तैयारिया शुरू हो चुकी हैं। गोलाघाट जिले के नुमलीगढ़, केंदुगुरी इलाके में स्थानीय लोग मिलकर पूरे हर्षोल्लास के साथ इस पारंपरिक त्योहार की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

गांव के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी मिलकर माघ बिहु के उरूका (जिस रात सामूहिक भोज होता है) की रात के लिए मेजी (अग्नि के लिए लकड़ी का ढेर) और भेलाघर (पारंपरिक झोपड़ी) के निर्माण में व्यस्त हैं। कोई लकड़ी काट रहा है, तो कोई नरा (खर) की व्यवस्था कर रहा है। इसी बीच, उत्साह से भरपूर युवतियां और महिलाएं बीच-बीच में पारंपरिक बिहु गीत गाकर नृत्य कर रही हैं। इस तरह से हर कोई पूरे जोश और उत्साह के साथ भोगाली बिहु का स्वागत करने की तैयारियों में जुटा है।

गोलाघाट के मेरापानी क्षेत्र के पद्मपुर गांव में भी भोगाली बिहु की तैयारियां चरम पर हैं। यहां के अमर ज्योति युवा संघ ने इस बार सामूहिक रूप से गांव में भोगाली उत्सव का आयोजन किया है। कुछ युवक मेजी के लिए लकड़ी जुटाने में व्यस्त हैं, तो कुछ भेलाघर का निर्माण कर रहे हैं। वहीं, गांव के युवा बिहु गीत गाकर नृत्य करते हुए उत्सव को लेकर अपनी खुशी प्रकट कर रहे हैं। युवतियां और महिलाएं भी बिहु गीत गाते हुए नृत्य कर रही हैं, जिससे पूरे गांव में खुशी और उमंग का माहौल बना हुआ है।

बुजुर्ग महिलाएं और माताएं भी इस पारंपरिक पर्व को लेकर उत्साहित हैं। कोई बिहु गीत गा रही है, तो कोई पारंपरिक व्यंजनों की तैयारी में जुटी हुई है। अमर ज्योति युवा संघ द्वारा दो दिनों तक चलने वाले इस भोगाली उत्सव में कई पारंपरिक खेलों और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।

भोगाली बिहु, जिसे माघ बिहु भी कहा जाता है, असम का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें सामूहिक भोज, नृत्य, पारंपरिक खेल और हर्षोल्लास से भरपूर गतिविधियों के माध्यम से खुशी का इजहार किया जाता है। पूरे असम में इस समय भोगाली बिहु को लेकर जोश और उत्साह का माहौल है।

हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर