मिथिला के दो ‘लिविंग लेजेंड’ डॉ. बीरबल झा और अंजनी कुमार सिंह एक ही पृष्ठ पर
नई दिल्ली/पटना, 06 जनवरी (हि.स.)। डॉ. बीरबल झा और अंजनी कुमार सिंह को 'लिविंग लेजेंड्स ऑफ मिथिला' नामक पुस्तक में एक ही पृष्ठ पर स्थान मिला है। यह पुस्तक विवेकानंद झा द्वारा लिखी गई थी और 2017 में दिल्ली में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक में देवी सीता
चाय पर चर्चा कार्यक्रम का जारी फोटो


चाय पर चर्चा कार्यक्रम का जारी फोटो


नई दिल्ली/पटना, 06 जनवरी (हि.स.)। डॉ. बीरबल झा और अंजनी कुमार सिंह को 'लिविंग लेजेंड्स ऑफ मिथिला' नामक पुस्तक में एक ही पृष्ठ पर स्थान मिला है। यह पुस्तक विवेकानंद झा द्वारा लिखी गई थी और 2017 में दिल्ली में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक में देवी सीता की भूमि मिथिला से संबंधित 25 प्रसिद्ध हस्तियों को दर्शाया गया है, और डॉ. झा तथा श्री सिंह को मिथिला के जीवित महापुरुष के रूप में मान्यता प्राप्त है।

डॉ. बीरबल झा ने सोमवार को इस मुलाकात की जानकारी दी। दरअसल जाने-माने अंग्रेजी साहित्यकार डॉ. बीरबल झा की मुलाकात और चाय पर चर्चा के दौरान बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह की हाल ही में पटना के नेहरू रोड स्थित बिहार संग्रहालय के कार्यालय में हुई। यह अनौपचारिक मुलाकात एक पुस्तक विमोचन समारोह के बाद हुई, जिसमें दोनों महापुरुषों ने अपने-अपने अनुभवों और विचारों का आदान-प्रदान भी किया।

अंजनी कुमार सिंह राज्य के पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं। उन्‍होंने सिंह को वह समय याद दिलाया जब ब्रिटिश लिंगुआ ने 2009 से 2011 तक बिहार के सरकारी हाई स्कूल के अंग्रेजी शिक्षकों के लिए स्पोकन इंग्लिश स्किल्स प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया था। यह कार्यक्रम राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.) द्वारा प्रायोजित किया गया था, उस समय हसन वारिस एस.सी.ई.आर.टी के निदेशक थे।

सेवानिवृत्त आई.ए.एस., अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की, जिसे राष्ट्रीय स्तर के दैनिक अखबारों में भी महत्वपूर्ण कवरेज मिली थी। सिंह ने सामाजिक उद्यमी डॉ. बीरबल झा को राज्य के विकास और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए अपने कार्यालय में पुनः आमंत्रित किया। डॉ. बीरबल झा ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक हैं, जो अंग्रेजी संचार कौशल के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है।

उल्लेखनीय है कि मिथिला की लिविंग लेजेंड्स-भाग II का विमोचन 5 जनवरी 2025 को बिहार संग्रहालय के ओरिएंटेशन हॉल में किया गया। डॉ. बीरबल झा को मिथिला के सबसे युवा ‘लिविंग लेजेंड’ के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। इस पुस्तक का पहला खंड 2017 में लोकार्पित किया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर