एफआईयू-आईएनडी और इरडा ने बेहतर समन्वय तथा सूचना आदान-प्रदान के लिए किया समझौता
नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। वित्‍तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को राजधानी नई दिल्ली में धन शोधन निवारण अधिनियम तथा उसके तहत बनाए गए नियमों की आवश्‍यकताओं के प्रभावी कार्यान्वयन में निर
एफआईयू-आईएनडी और इरडा के बीच समझौता का जारी फोटो


नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। वित्‍तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को राजधानी नई दिल्ली में धन शोधन निवारण अधिनियम तथा उसके तहत बनाए गए नियमों की आवश्‍यकताओं के प्रभावी कार्यान्वयन में निरंतर समन्वित प्रयासों के तहत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

वित्‍त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर एफआईयू-आईएनडी के निदेशक विवेक अग्रवाल और इरडा के सदस्य (वितरण) सत्यजीत त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन के अनुसार एफआईयू-आईएनडी और इरडा निम्नलिखित सहित आपसी हित के क्षेत्रों में एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे, जो इस प्रकार है।

-एमओयू के लिए प्रत्येक पक्ष द्वारा एक नोडल अधिकारी और एक वैकल्पिक नोडल अधिकारी की नियुक्ति।

-उनके संबंधित डेटाबेस में उपलब्ध प्रासंगिक खुफिया जानकारी और जानकारी साझा करना।

-पीएमएल नियमों के तहत विनियमित संस्थाओं/रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा एफआईयू-आईएनडी को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया और तरीके निर्धारित करना।

-विनियमित संस्थाओं/रिपोर्टिंग संस्थाओं के लिए आउटरीच और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।

-आईआरडीएआई द्वारा विनियमित विनियमित संस्थाओं/रिपोर्टिंग संस्थाओं में एएमएल/सीएफटी कौशल का उन्नयन करना।

-बीमा क्षेत्र में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग/आतंकवाद के लिए वित्तपोषण का मुकाबला (एएमएल/सीएफटी) जोखिमों और कमजोरियों का आकलन।

-बीमा क्षेत्र में संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) के लिए रेड फ्लैग इंडीकेटर्स की पहचान।

-पीएमएलए, पीएमएल नियमों और आईआरडीएआई दिशानिर्देशों के तहत अपने दायित्वों के साथ विनियमित संस्थाओं/रिपोर्टिंग संस्थाओं के अनुपालन का पर्यवेक्षण एवं निगरानी करना।

-प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत एक-दूसरे के दायित्वों का अनुपालन करना।

-एएमएल/सीएफटी अपराधों के प्रकार/प्रवृत्तियों, जिन मामलों में प्रतिबंध लगाए गए हैं आदि के अलावा उपरोक्त पर चर्चा करने के लिए त्रैमासिक बैठक का आयोजन।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर