ग्वालियरः बीएसएफ इंस्पेक्टर को एक महीने रखा गया डिजिटल अरेस्ट, 71.25 लाख रुपये ठगे
ग्वालियर, 6 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में राज्य का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इसमें बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगों द्वारा एक
ग्वालियर साइबर सेल मामले की जांच में जुटी


ग्वालियर, 6 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में राज्य का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इसमें बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगों द्वारा एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इस दौरान बीएसएफ इंस्पेक्टर से 71.25 लाख रुपये की ठगी की गई। सोमवार रात शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर ठगी के मामले की जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, घटना 2 दिसंबर 2024 सुबह 11.29 बजे से 2 जनवरी 2025 सुबह 10 बजे के बीच टेकनपुर की है। जब 2 जनवरी को बेटे से बात हुई तो उसने बताया कि वह स्कैम का शिकार हुए हैं। उन्होंने इसकी हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की। इसके बाद पीड़ित सोमवार देर शाम ग्वालियर एसपी से मिला और शिकायत दर्ज कराई।

ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद निवासी फतेहपुर मंडाव मऊ उत्तर प्रदेश ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह से मुलाकात कर अपनी आप बीती सुनाई। उन्होंने पुलिस को बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया था। वॉट्सऐप कॉल पर बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे हैं। कई जगह आपके मोबाइल का गलत उपयोग हुआ है।

उन्होंने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। इसके बाद बताया कि आदेश है कि तत्काल आपको अरेस्ट किया जाए। जब बीएसएफ इंस्पेक्टर अहमद ने बताया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके बाद वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर बात कर रहे फर्जी मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच अधिकारी ने बताया था कि आपका फोन टेप हो रहा है। अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों और परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा। बीएसएफ इंस्पेक्टर यहां अकेले रहते हैं इसलिए वह डर गए और फोन करने वालों की बात मानते चले गए। इसके बाद सबसे पहले 15 लाख रुपये की मांग की गई। साथ ही बताया गया कि आपके एक-एक पैसे की जांच होगी। यदि आप गलत नहीं हो तो केस क्लोज होते ही पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।

बीएसएफ इंस्पेक्टर अहमद ने बताया कि इस दौरान उन्होंने 34 ट्रांजैक्शन में 7125 लाख रुपये वीडियो कॉल करने वाले ठगों को ट्रांसफर कर दिए हैं। उन्होंने यह रकम दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदा कर एडवांस लिए थे। साथ ही कुछ दोस्तों के साथ साथ बैंक में सेविंग की गई रकम इकट्ठा कर चुकाई थी। वह इतना सहम चुके थे कि लगातार एक महीने से ठगों के संपर्क में आने के बाद उनके कहे मुताबिक पैसे देते चले गए। इतना ही नहीं जब उन्होंने डिजिटल अरेस्ट का विरोध किया तो उन्होंने यह कहकर डरा दिया कि उनके द्वारा ही ये सारे जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। आखिरी भुगतान 31 दिसंबर 2024 को किया गया था।

बीएसएफ इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने 2 जनवरी 2025 को बेटे से बात की और उससे इसका जिक्र किया। बेटे ने उनको समझाया कि वह स्कैम का शिकार हुए हैं। उनको ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया है। उन्होंने बेटे की समझाइश के बाद अपने बेटे के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि बीएसएफ के एक अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। पूरे दिसंबर माह ठग उनसे रुपये ठगते रहे हैं। अब उन्होंने शिकायत की है, जिस पर क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कर लिया गया है। अब जांच की जा रही है कि पैसा किन खातों में और कब-कब भेजा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर