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जम्मू, 5 जनवरी (हि.स.)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरू और शुक्र तारा उदय हो एवं शुभ मुहूर्त में ही विवाह आदि मांगलिक कार्य सम्पन्न किए जाते है। इस विषय में श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि विवाह एवं मांगलिक कार्यों के लिए गुरू और शुक्र तारा का उदय होना एवं शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
सन् 2024 ई. 11 दिसंबर को विवाह का अंतिम मुहूर्त था क्योंकि 15 दिसंबर रविवार को पौष मास शुरू हो गया था। तदनन्तर 13 जनवरी सन् 2025 ई. तक पौष माह रहेगा। अर्थात 11 दिसंबर सन् 2024 ई. से लेकर 13 जनवरी 2025 तक विवाह का कोई भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं है। पौष मास में आपको विवाह आदि मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए। सन् 2025 ई. 13 जनवरी के बाद ही शुभ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे। सन् 2025 ई. विवाह का पहला मुहूर्त 16 जनवरी को है। पौष मास के दौरान आप सगाई आदि का कार्य यानि कि मंगनी आदि कार्य शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। मंगनी आदि कार्य में कोई समस्या वाली बात नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा