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- औसत सवा 48 लाख उपभोक्ताओं को मिल रही वित्तीय मदद
इन्दौर, 5 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश शासन ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रत्येक पात्र बिजली उपभोक्ताओं को नियमित रूप से सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। जारी वित्तीय वर्ष के दौरान औसत सवा 48 लाख उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है। जारी वित्तीय वर्ष में मार्च अंत तक नौ हजार तीन सौ करोड से अधिक की कुल सब्सिडी दी जाएगी। इसमें से अब तक करीब सात हजार करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी दी जा चुकी है।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने रविवार को बताया कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आदेशानुसार प्रत्येक पात्र उपभोक्ता को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। कंपनी क्षेत्र में सर्वाधिक इंदौर जिले में साढ़े छः लाख उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इसके बाद उज्जैन , धार, देवास, खरगोन, रतलाम आदि जिले में अपेक्षाकृत ज्यादा उपभोक्ताओं को पात्रता अनुसार सब्सिडी दी जा रही है। शेष अन्य जिलों में भी नियमित रूप से लाभ दिया जा रहा है। कंपनी क्षेत्र में सवा अड़तालिस लाख उपभोक्ताओं को औसतन प्रति माह सब्सिडी का लाभ दिया गया है।
प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि कंपनी स्तर पर अटल गृह ज्योति योजना में औसत 34 लाख उपभोक्ताओं के लिए 1815 करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी का प्रावधान है। इसी तरह अजा, जजा वर्ग के पात्र पौने पांच लाख उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली दी जा रही हैं। जिस पर 2580 करोड़ रुपये की सब्सिडी का वित्तीय वर्ष में प्रावधान हैं। इसी तरह अटल किसान ज्योति योजना के तहत करीब 10 लाख किसानों को 4587 करोड़ की, 10 एचपी से उपर की मोटर वाले किसानों को 148 करोड़ की, उच्चदाब कनेक्शन से संबद्ध 67 उद्वहन सिंचाई योजना के लिए 149 करोड़ की सब्सिडी प्रदेश शासन की ओर से उपलब्ध कराई गई।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि इसी तरह पावर लूम इकाइयों के 4762 संचालकों को 25 करोड़ की, ग्राम पंचायत, नगर परिषदों को स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के लिए 1400 कनेक्शनों पर ढाई करोड़ रूपए की सब्सिडी प्रदान की गई है। प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिंह ने बताया कि शासन आम लोगों के जीवन को सरल बनाने, बिल का भार कम करने एवं जरूरतमंदों की मदद करने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। कंपनी क्षेत्र में मुख्यालय, रीजन, जिले स्तर पर प्रत्येक पात्र को सब्सिडी उपलब्ध कराने की सतत समीक्षा की जाती है। सब्सिडी मिलने का फीडबैक भी सतत रूप से तय प्रारूप में लिया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर