खगड़ागढ़ ब्लास्ट का एबीटी कनेक्शन, एसटीएफ के हाथ लगी सनसनीखेज जानकारी
कोलकाता, 05 जनवरी (हि.स.)। खगड़ागढ़ विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए और वर्तमान में बहरमपुर केंद्रीय संशोधनागार में बंद एक आतंकवादी ने पश्चिम बंगाल में तबाही मचाने के लिए बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) से हाथ मि
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)


कोलकाता, 05 जनवरी (हि.स.)। खगड़ागढ़ विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए और वर्तमान में बहरमपुर केंद्रीय संशोधनागार में बंद एक आतंकवादी ने पश्चिम बंगाल में तबाही मचाने के लिए बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) से हाथ मिलाया है। इस जानकारी के बाहर आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है।

हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले के नवदा और हरिहरपाड़ा में असम पुलिस और राज्य पुलिस एसटीएफ के संयुक्त अभियान में चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बांग्लादेश के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेएमबी के कई सदस्य एबीटी में शामिल हो चुके हैं। वे पश्चिम बंगाल और भारत में कई जगहों पर हमले की योजना बना रहे हैं।

एसटीएफ अधिकारियों को कुछ और सनसनीखेज जानकारी हाथ लगी है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, 2014 में खागरागढ़ ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया गया तारिकुल इस्लाम नाम का उग्रवादी भी राज्य में एबीटी के संगठन को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

असम एसटीएफ ने अपने राज्य और कई अन्य राज्यों से 12 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ के बाद पता चला कि एबीटी के उग्रवादियों ने बरामद हथियारों को असम से लाकर मुर्शिदाबाद में ट्रेनिंग देने की योजना बनाई थी।

खगड़ागढ़ विस्फोट मामले में दोषी ठहराए गए और बहरामपुर केंद्रीय संशोधनागार में कैद आतंकवादी का एबीटी के उग्रवादियों से क्या संबंध है ? इसका पता लगाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की एसटीएफ ने तारिकुल को अपनी हिरासत में लेने के लिए शनिवार को बहरमपुर कोर्ट में आवेदन दिया था। सूत्रों के मुताबिक तारिकुल को रविवार को जेल से बाहर निकाला गया और पूछताछ के लिए कहीं और ले जाया गया।

पिछले साल 18 दिसंबर को एसटीएफ ने हरिहरपाड़ा थाना क्षेत्र में छापेमारी कर मिनारुल शेख और अब्बास अली नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, ये एबीटी के सदस्य हैं। अब्बास पर इलाके में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। लेकिन हाल ही में अब्बास इलाके में मदरसा शिक्षक के रूप में काम कर रहा था।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अब्बास को कई साल पहले पाक्सो एक्ट के तहत बहरामपुर में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। उसी वक्त उसकी मुलाकात खगड़ागढ़ ब्लास्ट केस के मास्टरमाइंड में से एक तारिकुल उर्फ सुमन से हुई। कथित तौर पर, जेल में रहते हुए, तारिकुल ने अब्बास के माध्यम से, हरिहरपाड़ा, नवदा और मुर्शिदाबाद के बाकी हिस्सों में आतंकवादी संगठन फैलाने की योजना बनाई।

सूत्रों के मुताबिक, एबीटी सदस्यों ने पश्चिम बंगाल के 'चिकन नेक' कहे जाने वाले सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में बड़े हमले की योजना बनाई थी। लेकिन उससे पहले एक के बाद एक एबीटी उग्रवादियों को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें से पांच उग्रवादी सीधे तौर पर मुर्शिदाबाद जिले से जुड़े हुए हैं।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, खगड़ागढ़ ब्लास्ट में बहरामपुर जेल से सजा काट रहे तारिकुल, मुर्शिदाबाद से गिरफ्तार अब्बास, मिनारुल, सजीबुल, मुस्तकीम जैसे कुछ अन्य उग्रवादियों की मदद से राज्य में एबीटी के संगठन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, मुर्शिदाबाद में पकड़े गए उग्रवादियों का नेता मोहम्मद साब शेख था, जिसे केरल से गिरफ्तार किया गया था। हरिहरपाड़ा और नवदा ब्लॉकों के वोटर लिस्ट में साब का नाम है। राज्य की एसटीएफ अब इस बात की जांच कर रही है कि साब और तारिकुल ने आतंकवाद का नेटवर्क कैसे और किस हद तक फैलाया।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय