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प्रयागराज, 04 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एडीजी पुलिस वाराणसी जोन के दबाव में प्रयागराज के अर्पण पांडेय पर मऊ जिले में दर्ज किए गए मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अपर शासकीय अधिवक्ता से याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर दो सप्ताह में विस्तृत जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी व न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की पीठ ने दिया।
धूमनगंज निवासी अर्पण पांडेय ने वकालत की पढ़ाई पूरी कर रजिस्ट्रेशन के लिए 27 नवम्बर 2024 को बार कौंसिल उप्र में आवेदन किया था। इसी दौरान 19 दिसम्बर 2024 को मऊ के थाना मुहम्मदाबाद में अंकिता सिंह ने धोखाधड़ी व अन्य मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोपित ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने व मुकदमे को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि वाराणसी में तैनात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने दुश्मनी के चलते मुकदमा दर्ज कराया है। लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। कथित अपराध में सात साल तक की सजा है। इसके बाद भी नियमों की अनदेखी कर एसओजी लगा दिया गया और 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। न्यायालय ने दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अगली तारीख 16 जनवरी नियत की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे