सच्चा इंसान वही जिनके दिल में सत्य, अहिंसा व प्रेम का हो भाव : निष्ठा साहेब
जुनवानी में कबीर विचार सत्संग समारोह 
कबीर सत्संग सुनते हुए ग्रामीण महिलाएं।


ग्राम जुनवानी में आयोजित कबीर विचार सत्संग में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए निष्ठा साहेब।


धमतरी, 4 जनवरी (हि.स.)। धमतरी शहर से लगे हुए ग्राम जुनवानी (डोमा) में आयोजित कबीर विचार सत्संग समारोह में शनिवार काे संत निष्ठा साहेब ने कहा कि मानव को सच्चे सगुरु की शरणागत हो जाना चाहिए। सच्चा इंसान वह है जिनके दिल में सत्य, अहिंसा एवं प्रेम का भाव भरा हो।

उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर समाज में कटुता फैलाना सरासर गलत है। धर्म का काम सभी के दिलों को जोड़ना है। किसी भी प्राणी को तन, मन, वचन एवं कर्म से दुख नहीं देना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि सभी प्रकार के छल प्रपंच को छोड़कर सच्चा इंसान बनें। इससे जीवन सुखी एवं शांतिमय हो जाएगा। महज नौ वर्ष की अल्पायु में गुरुजी से दीक्षा लेना और आजीवन निभाना कोई इनसे सीखे। मौके पर शुभ साहेब, प्रांजल साहेब, पंचम साहेब, विजय साहेब, ध्रुव साहेब, रामशरण साहेब, क्षेमेन्द्र साहेब, यतीन्द्र साहेब, साध्वी सीमा साहेब समेत ईसूराम साहू, राजेन्द्र बनपेला, सुरेन्द्र बनपेला उपस्थित थे।

संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं : अन्नपूर्णा पुरी

इन दिनों ग्राम सांकरा में श्री राधे राधे सत्संग परिवार द्वारा उज्जैन स्थित पंचायती राज निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा पुरी (वर्षा नागर) की शिव महापुराण कथा चल रही है। तीसरे दिन शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया गया। कथावाचिका वर्षा नागर ने कहा कि विवाह संस्कार पवित्र संस्कार है लेकिन आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहा है। जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है। संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता। माता- पिता की मर्जी के बिना कोई कार्य नहीं करना चाहिए। भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। उन्होंने मां भगवती का सती रूप में योग, अग्नि में लीन होने, उसके बाद हिमालय पर्वत पर महाराज हिमालय व मैना देवी के यहां पार्वती के जन्म कथा प्रसंग सुनाया। बताया कि मां पार्वती ने घोर तपस्या भगवान भोलेनाथ के लिए की।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा