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अजमेर, 3 जनवरी (हि.स.)। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813 वें सालाना उर्स के अवसर पर पहले जुम्मे की नमाज शुक्रवार को हजारों जायरीन ने अता की। नमाजियों की लम्बी कतारें दरगाह की शाहजहानी मस्जिद से लेकर दरगाह बाजार एवं कायड़ विश्राम स्थली और ईदगाह मैदान में देखी गई। नमाज को लेकर जिला प्रशासन की और से खास इंतजाम किए गए थे। नमाज से पहले अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश स्वयं दरगाह स्थित धान मंडी पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि दरगाह के उर्स के अवसर पर पहुंचने वाले लाखों जायरीन की सुरक्षा के लिए 5 हजार से ज्यादा सिपाही और अनेक पुलिस उपअधीक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा सीसीटीवी व ड्रोन से भी चप्पे चप्पे पर इंतजामों की नजर रखी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने भी शुक्रवार को दरगाह का जायजा लिया व इंतजाम का अवलोकन किया। गौरतलब है कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर लेकर केंद्रीय मंत्री अजमेर पहुंच रहे हैं। इस दौरान दरगाह में सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रहे इसका पूरा जिम्मा जिला प्रशासन ने संभाला हुआ है। कायड़ विश्राम स्थली पर बनाए गई अस्थाई मस्जिद में डोम के भीतर और बाहर दोनों और नमाजियों के लिए व्यवस्था की गई थी। यहां मोलाना जाकिर हुसैन ने नमाजियों को नमाज अता कराई। दरगाह शरीफ के बाहर तक नमाजी सड़क पर कतार बद्ध बैठे और इतमिनान से नमाज अता कर अमन चैन की दुआ की।
अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर चादर आने का अंजुमन स्वागत करता है। जवाहर लाल नेहरू की तरफ से भी 1947 से चादर दरगाह शरीफ पर आ रही है। उन्होंने कहा कि अंजुमन की तरफ से सभी का स्वागत है प्रधानमंत्री दस सालों से भेज रहे हैं। दरगाह की आध्यात्मिक रस्मों को लाइव दिखाने पर को सलाह नहीं ली गई इससे विरोध है। इस मामले में बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि दरगाह कमेटी के स्थानीय निचले स्तर के लोग बिना वजह नई नई चीजें कर रहे हैं। यह उचित नहीं है। इस पर आगे अदालत में बात की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष