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रांची, 27 जनवरी (हि.स.)। अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सुषमा उर्फ पदमा बड़ाइक से शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने के आरोपित अभिमन्यु उरांव को साक्ष्य के अभाव में सोमवार को बरी कर दिया। मामले में सुषमा बड़ाइक ने अरगोड़ा थाना में 27 मई 2020 को उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर पिठोरिया निवासी अभिमन्यु ने चार महीने तक उसका यौन शोषण किया। सुनवाई के दौरान घटना को साबित नहीं किया जा सका। बचाव पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने अदालत में मजबूत पक्ष रखा, जिससे आरोप साबित नहीं हो सका। घटना दिल्ली की है। मामले की आइओ दारोगा सुलेखा कुमारी ने अदालत को बताया कि दिल्ली में इस मामले में कोई गवाह नहीं मिला। आईजी पीएस नटराजन और डीआईजी परवेज हयात पर आरोप लगाने के बाद सुषमा बड़ाइक उर्फ पदमा बड़ाइक चर्चा में आयी थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे