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- नये सिरे से विभागीय जांच की छूट, जांच नहीं तो याची को 50 फीसदी बकाया वेतन पाने का हक प्रयागराज, 22 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विभागीय जांच में विहित प्रक्रिया का पालन किए बगैर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम प्रतापगढ़ के अधीक्षण अभियंता द्वारा याची जूनियर इंजीनियर को अधिशासी सहायक पद पर पदावनति देने और चेयरमैन राज्य विद्युत निगम लखनऊ द्वारा सजा बढ़ाकर बर्खास्त करने के आदेशों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने याची को वेतन सहित तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने विभाग को नियमानुसार विभागीय जांच करने की छूट दी है और कहा है कि जितने दिन याची सेवा से बाहर रहा उसका बकाया वेतन जांच के परिणाम पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने जांच चार माह में पूरी करने का आदेश दिया है और कहा है कि यदि विभाग जांच नहीं करता तो याची 50 फीसदी बकाया वेतन पाने का हकदार होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने आशीष कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है। याची जब प्रयागराज के फूलपुर उप केन्द्र पर तैनात था तो उस पर उपभोक्ताओं से नकद बिल भुगतान लेकर खाते में जमा न कर गबन करने का आरोप लगाया गया और जांच कमेटी गठित की गई।
जांच कमेटी ने जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया। किसी की गवाही नहीं ली। उसकी रिपोर्ट पर याची को पदावनति दे दी गई। अपील पर चेयरमैन ने सजा बढ़ाकर बर्खास्त करने का आदेश दिया।
याची का कहना था कि आरोप निराधार है। जितने का बिल जमा किया गया उतनी राशि खाते में जमा की गई है।किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई है। फंड में कोई कमी नहीं पाई गई है। इसके बावजूद उसके जवाब पर विचार किए बगैर मनमानी जांच रिपोर्ट पर उसे बर्खास्त कर दिया गया। कोर्ट ने जांच में कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने के कारण की गई पूरी कार्यवाही रद्द कर दी और तत्काल बहाली का निर्देश दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे