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जबलपुर, 2 जनवरी (हि.स.)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुलगुरु पर लगे महिला अधिकारी को अभद्र इशारे करने के मामले में पूरे विश्वविद्यालय कैंपस की दीवारों में नारे लिखे जा रहे हैं, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। गुरुवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की बैठक आयोजित की गई। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि विश्वविद्यालय प्रशासन बैठक में कार्य परिषद मेंबर्स को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निरस्त किए गए 70 पदों के प्रकरण से अवगत कराएगा, लेकिन बैठक के एजेंडे में उक्त प्रकरण को शामिल नहीं किया गया था। जिससे धरने पर बैठा अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ बिफर गया।
गुरुवार सुबह कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बैठक स्थल पहुंच ईसी मेंबर्स की घेराबंदी कर दी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि 70 पदों को बढ़ाने के संबंध में निर्णय ईसी में लिया गया था। इसलिए उसके निरस्त होने की जानकारी भी ईसी के समक्ष रखी जानी चाहिए थी। इसके अलावा महिला अधिकारी से अभद्रता के जो आरोप कुलगुरू पर लगे है उसकी भी जांच होनी चाहिए। संघ अध्यक्ष अजय झारिया ने बताया की विश्वविद्यालय व कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कुलगुरू इस बात को नहीं समझ रहे हैं कि पदों के समाप्त होने का क्या असर पड़ने वाला है। उक्त आदेश से कम से कम 350 कर्मचारी प्रभावित होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक