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बिलासपुर, 2 जनवरी (हि.स.)।नाबालिग के साथ जबरन यौन संबंध से गर्भवती हुई बालिका के गर्भपात से जुड़ी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस विभु दत्त गुरु ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपना आदेश सुनाया। जिसमें विशेष टिप्पणी भी की गई। जिसमें कहा गया कि बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था को समाप्त करने की प्रार्थना को स्वीकार किया जा सकता है, क्योंकि ऐसी गर्भावस्था गर्भवती महिला के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर क्षति पहुंचाती है। उसे बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। गुरुवार को सुनवाई में सिंगल बैंच के आदेश में आज या कल तड़के शासकीय जिला अस्पताल, रायगढ़/मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आईसीयू सुविधाओं सहित) में भर्ती कराये जाने और संबंधित अधिकारी को पीड़िता और उसके माता-पिता की सहमति प्राप्त करके गर्भ को समाप्त करने के लिए विशेषज्ञ पंजीकृत चिकित्सकों को नियुक्त करने कहा है।
कोर्ट ने आदेश लिखा है कि इस मामले के तथ्यों में, यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता की गर्भावस्था 24 सप्ताह की गर्भकालीन आयु को पार कर चुकी है और जब तक गर्भपात का निर्देश देने वाला न्यायिक आदेश उपलब्ध नहीं होता, तब तक डॉक्टरों के लिए गर्भावस्था को समाप्त करना भी संभव नहीं हो सकता है। पीड़िता द्वारा बताई गई परिस्थितियों सहित संपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उसकी गर्भकालीन आयु तथा न्यायिक मिसालों के आधार पर, रिट याचिका को निर्देशों के साथ अनुमति दी जाती है। भ्रूण का डीएनए नमूना आगे के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखा जाएगा क्योंकि आरोपित के खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है। इस आदेश की एक प्रति कलेक्टर रायगढ़, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक, किरोड़ीमल शासकीय जिला अस्पताल, रायगढ़ तथा राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान वकील को आवश्यक अनुपालन के लिए तत्काल प्रेषित की जाएगी।
दरअसल सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला निवासी नाबालिग रेप के बाद गर्भवती हो गई है। पीड़िता ने 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने अपने अभिभावक के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। 31 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई में शीतकालीन अवकाश के बावजूद जस्टिस विभु दत्त गुरू को विशेष कोर्ट लगाई गई। कोर्ट ने सुनवाई उपरांत पीड़िता के निवास से रायगढ़ नजदीक होने को ध्यान में रखते हुए रायगढ़ सीएमएचओ को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्बारा जून 2024 को जारी अधिसूचना के अनुसार मेडिकल बोर्ड का गठन करने को कहा है। जिसमें एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट, सोनोलॉजिस्ट और एक अन्य सदस्य जैसा मामले में आवश्यक हो सदस्य शामिल होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi