कोरबा : बोरे में भर गया जहान सिंह के खुशियों का जहान, अब बेचेंगे धान
कोरबा, 2 जनवरी (हि.स.)। फसल बोने को लेकर ऐसे कई यादें थीं किसान जहान सिंह के पास, जिसमे से ज्यादातर को याद कर उनके आँखों में आँसू ही आ जाते थे। वह हर साल अच्छी बारिश की उम्मीद लिए पर्वतीय इलाकों में फसल तो ले लेता था ।लेकिन कई बार बारिश की बेरुखी उनक
बोरे में भर गया जहान सिंह के खुशियों का जहान, अब बेचेंगे धान


कोरबा, 2 जनवरी (हि.स.)। फसल बोने को लेकर ऐसे कई यादें थीं किसान जहान सिंह के पास, जिसमे से ज्यादातर को याद कर उनके आँखों में आँसू ही आ जाते थे। वह हर साल अच्छी बारिश की उम्मीद लिए पर्वतीय इलाकों में फसल तो ले लेता था ।लेकिन कई बार बारिश की बेरुखी उनकी उम्मीदों का गला घोंट जाती थी । यहीं नहीं, कई बार ऐसा भी हुआ कि समय पर बारिश हुई और फसल भी हुआ, लेकिन अपनी हाड़तोड़ मेहनत के फसल का मोल ठीक से नहीं मिल पाने से उन्हें उदास रहना पड़ा। किसान जहान सिंह जब से यह जान पाया है कि किसानों के फसल का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अच्छी कीमत दे रहे हैं तब से उन्होंने अपनी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। खूब मेहनत किया और खेत में धान बोयें। इस बीच उन्होंने ऊपरवाले से बस यहीं मिन्नतें की कि बारिश समय पर ठीक ठाक हो ताकि उनका यह फसल चौपट न हो और वह भी अन्य किसानों की तरह सर्वाधिक मूल्य पर अपना धान बेच सकें। यह किसान जहान सिंह पर मौसम की मेहरबानी रही कि फसल पूरा हुआ और अब उन्हें खुशी है कि जल्दी ही वह उपार्जन केंद्र में धान बेचकर रुपये जुटा पायेगा।

पोड़ी उपरोड़ा के अंतर्गत सुदूरवर्ती क्षेत्र मेरई ग्राम पंचायत के ग्राम मुड़मिसनी में रहने वाले किसान जहान सिंह ने धान बेचने अपना पंजीयन कराया है। टोकन ले चुके किसान जहान सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में सिंचाई का कोई विशेष साधन नहीं है।फसल के लिए उन्हें पूरी तरह से आसमान पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस बीच यदि फसल बोने के बाद बारिश नहीं हुई तो पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है।

किसान जहान सिंह मरकाम ने बताया कि हर साल वे डर-डर के फसल उगाते हैं। बहुत कम फसल होने पर और कम कीमत मिलने पर उन्हें निराशा होती है लेकिन और कोई उपाय नहीं होने की वजह से धान के फसल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। किसान ने बताया कि यह खुशी की बात है कि हम किसानों के हित में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। हमें 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि लगभग 70 क्विंटल धान बेचने टोकन लिया है। 10 जनवरी को वह अपना धान बेचेगा और राशि आने पर घर के लिए जरूरी कुछ सामान खरीदेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी