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- मंत्री सिलावट और सासंद लालवानी की उपस्थिति में हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक
इंदौर, 2 जनवरी (हि.स.)। इंदौर जिले को टीबी मुक्त जिला बनाया जाएगा। इसके लिए समाज के हर वर्ग की भागीदारी ली जाएगी। साथ ही जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने की दिशा में भी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत मोतियाबिंद पीड़ितों के नि:शुल्क ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जिले में मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों के चिन्हांकन के लिए जनकल्याण अभियान के तहत शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।
यह जानकारी गुरुवार को यहां जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और सासंद शंकर लालवानी की विशेष उपस्थिति में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में दी गई। बैठक में विधायक मालिनी गौड़, मधू वर्मा, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा तथा जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन सहित अन्य अधिकारी और समिति सदस्य मौजूद थे।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में चल रहे कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा की गई। साथ ही बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और स्वामित्व योजना के संबंध में चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी हुई। बैठक में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इंदौर जिले को टीबी रोग से मुक्त करने के लिए सभी के सहयोग से व्यापक अभियान चलाया जाए। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है।
बैठक में बताया गया कि जिले में भी लगभग 10 हजार टीबी मरीज है। इनका शासन की योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। जरूरतमंद टीबी मरीजों को निक्षय मित्र योजना के तहत जनसहयोग से नि:शुल्क भोजन देने की व्यवस्था भी है। इस योजना का विस्तार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में आयुष्मान कार्ड योजना की प्रगति की समीक्षा भी की गई। बताया गया कि 70 वर्ष से अधिक आयु के जिले में 20 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस कार्य को गति देने के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं भी जोड़ा गया है। उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिये एक हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। जरूरत पड़ने पर यह राशि बढ़ाई भी जायेगी। बैठक में मंत्री सिलावट तथा सांसद लालवानी ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जिससे की अस्पतालों में मरीजों के इलाज में परेशानी नहीं हो। इसके लिये योजना से जुड़े अस्पतालों के प्रबंधकों की बैठक भी बुलाई जाये। बैठक में निर्देश दिये गये कि जिले में विकास योजना तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर उनके सुझाव लिये जाये।
बैठक में जिले में खाद-बीज वितरण की समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि जिले में इस वर्ष बहुत ही सहजता के साथ खाद का वितरण हुआ है। किसी भी किसान को परेशानी नहीं हुई। शासन एवं प्रशासन की बहुत ही अच्छी व्यवस्था थी। जिले में अभी भी पर्याप्त मात्रा में खाद का भण्डारण है। किसानों को समय पर उनकी मांग के अनुसार खाद उपलब्ध कराई जा रही है। निर्देश दिये गये कि जिले के सभी किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाये, जिससे की वे कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें।
बैठक में निर्देशित किया गया कि जिले के अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई के लिये ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम उपलब्ध कराया जाये। बैठक में स्वामित्व योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि जिले में कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। जिले में 500 ग्रामों में से आरसीएमएस में 494 ग्रामों के आवेदनों को निराकरण हो गया है। स्वामित्व योजना में एक लाख 34 हजार 739 सम्पत्तियों में से एक लाख 23 हजार 648 सम्पत्तियों का सर्वे पूर्ण हो गया है। सम्पत्ति धारकों को भू-अधिकार प्रमाण पत्र दिये जायेंगे। बैठक में सिलावट ने जिले में चल रहे अस्पतालों के निर्माण कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर