देश में अक्टूबर-दिसंबर में चीनी उत्पादन 16 फीसदी घटकर 95.40 लाख टन रहा : इस्मा 
- चालू चीनी विपणन वर्ष 2024-25 में घरेलू चीनी खपत 280 लाख टन रहने का अनुमान नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। देश में चालू चीनी विपणन वर्ष 2024-25 में 31 दिसंबर, 2024 तक 95.40 लाख टन लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले चीनी विपणन वर्ष में इसी अ‍वधि तक 1
चीनी के उत्पादन के लोगो का फाइल फोटो


- चालू चीनी विपणन वर्ष 2024-25 में घरेलू चीनी खपत 280 लाख टन रहने का अनुमान

नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। देश में चालू चीनी विपणन वर्ष 2024-25 में 31 दिसंबर, 2024 तक 95.40 लाख टन लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले चीनी विपणन वर्ष में इसी अ‍वधि तक 113.01 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस तरह अबतक चीनी के उत्पादन में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि, चीनी उत्पादन के आंकड़ों में चीनी के इथेनॉल निर्माण के लिए उपयोग की मात्रा को शामिल नहीं किया गया है।

चीनी उद्योग के प्रमुख निकाय भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि अक्टूबर, 2024 में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 31 दिसंबर, 2024 तक चीनी का उत्पादन 16 फीसदी घटकर 95.40 लाख टन रहा है, जिसकी मुख्य वजह महाराष्ट्र के उत्पादन में गिरावट आना है। इस्‍मा के अनुसार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी पेराई दर पिछले साल से बेहतर है। हालांकि, बारिश के कारण गन्ने की आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान के कारण दिसंबर, 2024 के अंतिम हफ्ते के दौरान उत्तर प्रदेश में पेराई की दर प्रभावित हुई।

इस्‍मा के मुताबिक देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) की पहली तिमाही के दौरान घटकर 32.80 लाख टन रह गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 34.35 लाख टन था। वहीं, देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 38.20 लाख टन से घटकर 30 लाख टन रह गया है, जबकि कर्नाटक में चीनी उत्पादन 24.91 लाख टन से घटकर 20.40 लाख टन रह गया है।

उद्योग निकाया इस्मा ने कहा कि वह जनवरी के अंत तक चीनी के उत्पादन का अपना दूसरा अग्रिम अनुमान जारी करेगा। हालांकि, उद्योग निकाय ने बताया कि चालू चीनी विपणन वर्ष 2024-25 में घरेलू चीनी की खपत घटकर 280 लाख टन रहने का अनुमान है। चालू चीनी विपणन वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 493 चीनी मिलें चालू थीं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 512 रही थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर