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कानपुर, 02 जनवरी (हि.स.)। कल्याणपुर थाने से हत्या, छेड़खानी और अपहरण जैसे संगीन मामलों की 11 केस डायरी गायब हो गईं। मामले को लेकर एसीपी ने जांच किया तो केस डायरियों का गायब होना सही पाया गया। इस पर तैनात हेड मोहर्रिर की ओर से तत्कालीन संबंधित सात दरोगा समेत नौ पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
साल 2008 में कल्याणपुर थाने में तैनात रहे तत्कालीन दरोगा रमेश चंद्र दोहरे को फर्जी दस्तावेजों को तैयार कर धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे की जांच सौंपी गई थी, लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी केस डायरी न्यायालय पहुंचना तो दूर थाने में भी रिसीव नहीं कराई गई। इसी तरह से साल 2010 में उप निरीक्षक देवेंद्र कुमार को चेक बाउंस की जांच सौंपी गई थी। इसके बाद साल 2013 में उप निरीक्षक नरेंद्र बहादुर सिंह को बिजली मीटर से छेड़खानी और फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की साजिश की जांच सौंप गई थी। साल 2014 में उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह को धमकी गाली-गलौज, हत्या का प्रयास, मारपीट व सेवन सीएलए जैसे गंभीर मामलों की जांच सौंपी गई थी।
इसी तरह किशोरी को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की जांच उपनिरीक्षक प्रेमबाबू गोयल को सौंपी गई थी। एसजीएसटी, आर्म्स एक्ट, छेड़खानी और लूट जैसे गंभीर मुकदमों की जांच हेड पेशी पुष्पेंद्र सिंह को तो वहीं उत्प्रेक्षा के इम्तियाज अहमद को धमकी के मामले की जांच और चोरी के मामले की जांच उप निरीक्षक चंद्रभान सिंह को दी गयी थी।
साल 2008 से 2021 तक थाने में दर्ज इन सभी 11 मामलों के केस डायरी न मिलने पर एसीपी कल्याणपुर अभिषेक कुमार पाण्डेय से जांच कराई गई। एसीपी ने जांच किया और प्रथम दृष्टतया जांच सही पाई गयी। इस पर हेड मोहर्रिर ने संबंधित तत्तकालीन सात दरोगा समेत नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कल्याणपुर थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि केस डायरी गबन मामले में संबंधितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap