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प्रयागराज, 02 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजीपुर के सैदपुर थाना क्षेत्र में सम्पत्ति विवाद को लेकर दर्ज मामले में विनोद बर्नवाल सहित छह आरोपितों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने एफआईआर को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति नंदप्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने विनोद बर्नवाल एवं अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार दिनेश बर्नवाल ने याचियों के विरुद्ध सैदपुर थाने में सम्पत्ति विवाद को लेकर डकैती व अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। याचियों ने कोर्ट को बताया कि इस मुकदमे के शिकायतकर्ता व उनके परिवार वालों ने याचियों के मकान एवं दुकान पर कब्जा कर लिया और उल्टे याचियों के खिलाफ झूठे व गलत तथ्यों पर एफआईआर दर्ज करा दी। जबकि याचियों की अर्जी पर अदालत के आदेश के बाद विपक्षियों के खिलाफ सप्ताह भर पहले मुकदमा दर्ज हो चुका था।
बताया गया कि याचियों की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की तो याचियों ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए अदालत में अर्जी दी। सैदपुर पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद याचियों की एफआईआर दर्ज कर ली। विपक्षियों ने उसके लगभग एक सप्ताह बाद पेशबंदी में यह मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट ने मामला विचारणीय मानते हुए याचिका पर जवाब मांगा है और तब तक याचियों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे