साइबर बुलिंग, हैरेसमेंट, महिलाओं व बच्चों के साइबर एब्यूज से निपटने और सुसाइड की रोकथाम के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान की शुरुआत
जयपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में अपनी तरह की पहली पहल के तहत, साइबर हैरेसमेंट के खिलाफ आवाज उठाने वाली युवा संस्था व्हाट नाउ ने घोषणा की कि उन्होंने महाराजाओं की धरती, राजस्थान में हर कीमती जिंदगी को साइबर बुलिंग और साइबर हैरेसमेंट से बचाने के ल
साइबर बुलिंग,हैरेसमेंट,महिलाओं व बच्चों के साइबर एब्यूज से निपटने सहित सुसाइड की रोकथाम के लिए स्टेटवाइड जागरूकता अभियान का आगाज


जयपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में अपनी तरह की पहली पहल के तहत, साइबर हैरेसमेंट के खिलाफ आवाज उठाने वाली युवा संस्था व्हाट नाउ ने घोषणा की कि उन्होंने महाराजाओं की धरती, राजस्थान में हर कीमती जिंदगी को साइबर बुलिंग और साइबर हैरेसमेंट से बचाने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान की शुरुआत की है।

डिजिटल युग में तेजी से बदलाव के साथ, टेक्नोलॉजी ने लोगों के कनेक्ट होने, संवाद करने और जानकारी साझा करने के तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन किया है। हालांकि, इस तकनीकी क्रांति ने साइबर बुलिंग, साइबर क्राइम और साइबर हैरेसमेंट जैसी नई चुनौतियों को भी जन्म दिया है, जो भारत समेत दुनिया भर में गंभीर सामाजिक मुद्दों के रूप में उभर रहे हैं। भारत में इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है, लेकिन इन समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक रेग्युलेटरी ढांचा और जागरूकता अब भी पीछे हैं।

यह अभियान, ऑनलाइन एब्यूज के बढ़ते खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, नए हेल्पलाइन नंबर +91 9019115115 के जरिए तत्काल और विश्वसनीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो पीड़ितों के लिए आशा की किरण साबित होगा। यह हेल्पलाइन नागरिकों को साइबर एब्यूज से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराएगी, साथ ही समय पर मध्यस्थता भी करेगी।

आज के युवाओं को प्रभावित कर रही साइबर बुलिंग और हैरेसमेंट की समस्याओं को उजागर करते हुए, व्हाट नाउ की संस्थापक और फिलांथ्रॉपिस्ट नीति गोयल ने कहा, हमारा मिशन है एक सुरक्षित और सहयोगी ऑनलाइन यूथ कम्युनिटी तैयार करना, जहां वे साइबर बुलिंग और हैरेसमेंट से डर के बिना बातचीत कर सकें। हम साइबर हैरेसमेंट के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं का एक मंच तैयार करेंगे।

व्हाट नाउ के को-फाउंडर और एयू कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (एयूसीएल) के संस्थापक अक्षत खेतान ने बताया, चूंकि भारत डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनने की दिशा में अग्रसर है, इसलिए साइबर बुलिंग, साइबर क्राइम और साइबर हैरेसमेंट से उत्पन्न होने वाले खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन मुद्दों पर नीति निर्माताओं, शिक्षकों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और सामान्य नागरिकों को तत्काल ध्यान देना जरूरी है। एक व्यापक कानूनी ढांचा बनाकर, जागरूकता बढ़ाकर और कानून प्रवर्तन को मजबूत करके, भारत इन खतरों के प्रभाव को कम कर सकता है और इंटरनेट को सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान बना सकता है।

व्हाट नाउ के ब्रांड एंबेसडर ताहा शाह बादुशा ने कहा, साइबर बुलिंग और हैरेसमेंट से निपटने के इस अभिनव अभियान का हिस्सा बनने पर मुझे गर्व है। कोई भी सुरक्षित ऑनलाइन समुदाय जागरूकता और सहयोग के बल पर ही बनता है। मैं डिजिटल दुनिया में सम्मान और सहानुभूति फैलाने के लिए इस संदेश को फैलाने में समर्पित हूं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश