गुजरात में ई-नैम प्लेटफॉर्म से 10 हजार करोड़ से अधिक मूल्य के कृषि उत्पादों की हुई बिक्री
राज्य की 144 मंडियाें में एकीकृत हुए ई-नैम पोर्टल पर 8.69 लाख से अधिक किसान जुड़े ऑनलाइन विक्रय से किसानों को बाजार भाव से अधिक मिल रहे दाम, खाते में सीधे जमा हाे रहे पैसे गांधीनगर, 18 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात
ई-नैम पोर्टल


उना बाजार समिति के परबतभाई गोविंदभाई पटाट


उपलेटा से जुड़े हरेशभाई एम. घोडासरा


राज्य की 144 मंडियाें में एकीकृत हुए ई-नैम पोर्टल पर 8.69 लाख से अधिक किसान जुड़े

ऑनलाइन विक्रय से किसानों को बाजार भाव से अधिक मिल रहे दाम, खाते में सीधे जमा हाे रहे पैसे

गांधीनगर, 18 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में ई-नैम पोर्टल पर 8 लाख से अधिक किसान जुड़े हैं। ई-नैम पोर्टल पर गुजरात की 144 मंडियों को एकीकृत किया गया है। अब तक ई-नैम प्लेटफॉर्म के माध्यम से गुजरात में 2.64 करोड़ क्विंटल से अधिक कृषि उत्पादों की बिक्री की गई है, जिसका कुल मूल्य 10,535.91 करोड़ रुपये है। इस प्रकार, ई-नैम पोर्टल के माध्यम से गुजरात में 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के कृषि उत्पादों की बिक्री की गई है।

भारत के किसान अपने कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कर सकें, उनके उत्पादों के उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक दाम मिले तथा उनकी आय में वृद्धि हो, इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) पोर्टल शुरू किया था। ई-नैम पोर्टल किसानों को निकटतम ई-नैम मंडियों में

उनके उत्पादों का व्यापार करने एवं व्यापारियों को किसी भी स्थान से ऑनलाइन नीलामी करने में सक्षम बनाता है। ई-नैम पोर्टल पर राज्य के लाखों किसानों को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़कर गुजरात भारत की डिजिटल कृषि क्रांति को निरंतर आगे बढ़ा रहा है।

बाजार भाव से अधिक दाम, पैसे सीधे खाते में जमा

उना बाजार समिति के परबतभाई गोविंदभाई पटाट पिछले एक वर्ष से ई-नैम पोर्टल पर जुड़े हुए हैं तथा मूंगफली की ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं। वे बताते हैं कि स्थानीय बाजार में बिक्री की तुलना में ऑनलाइन बिक्री से काफी फर्क पड़ता है। बिक्री की प्रक्रिया अधिक तेज बनी है। हमें बहुत ही अच्छे दाम मिल रहे हैं। स्थानीय बाजार के सापेक्ष हमें 200 से 500 रुपये अधिक दाम मिलते हैं, जिससे हमारी आय में काफी वृद्धि हुई है। परबतभाई बताते हैं कि ई-नैम पोर्टल के माध्यम से मूंगफली की बिक्री से उनकी आय में लगभग पांच से सात प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। उनका कहना है कि ई-नैम पोर्टल किसानों के लिए बहुत ही लाभदायी है। अब हमारे लिए पेमेंट का झंझट नहीं रहा है। पैसे अब सीधे खाते में जमा हो जाते हैं। माल तेजी से बिक जाता है। ई-नैम पोर्टल शुरू करके केन्द्र सरकार ने देशभर के किसानों के लिए बिक्री प्रक्रिया आसान व लाभदायी बनाई है, जिसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बहुत आभारी हैं।

बाजार समिति उपलेटा से जुड़े हरेशभाई एम. घोडासरा पिछले पांच वर्षों से ई-नैम पोर्टल पर कपास, मूंगफली तथा गेहूं जैसे कृषि उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं, जिससे उनकी आय 15 से 20 प्रतिशत बढ़ी है। ई-नैम पोर्टल जैसी पहल शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए हरेशभाई घोडासरा ने कहा कि इस ई-नैम पोर्टल के माध्यम से कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री से हम जैसे किसानों को अनेक लाभ हुए हैं। सीधे व्यापारी से जुड़ने से हम पर कमीशन नहीं लागू होता है और पैसे भी सीधे खाते में आ जाते हैं। ऑनलाइन बिक्री करने से हमें स्थानीय बाजार में बिक्री की तुलना में लगभग 15 से 20 प्रतिशत लाभ होता है। आज से 20 वर्ष पहले मेरे पास कुछ नहीं था, परंतु आज ई-नैम पोर्टल के आर्थिक लाभ के कारण हम अब माल ऑनलाइन ही बेचना पसंद करते हैं।

गुजरात में 8.87 लाख से अधिक लोग ई-नैम पोर्टल पर एकीकृत

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तथा तकनीकी प्रगति के साथ यह क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन का साक्षी बना है। 31 दिसंबर, 2024 के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 8,87,420 लोग इस प्लेटफॉर्म का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं, जिनमें 8,69,807 किसान, 10,181 व्यापारी, 7,170 कमीशन एजेंट तथा 262 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) शामिल हैं।

ई-नैम प्लेटफॉर्म पर कृषि क्षेत्र के 8 लाख से अधिक किसानों को डिजिटली जोड़कर, टेक्नोलॉजी को अपना कर, सर्वसमावेशिता को प्रोत्साहन देकर तथा किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देकर गुजरात ने कृषि क्षेत्र में सुशासन का उत्तम उदाहरण स्थापित किया है। यह परिवर्तनकारी पहल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है। साथ ही विभिन्न मंडलियों में कृषि उत्पादों के दामों के विषय में किसानों को जानकारी प्रदान करती है तथा ग्रामीण उत्पादकों एवं राष्ट्रीय बाजारों के बीच दूरी को कम कर उन्हें सीधा व्यापार करने में सक्षम बनाती है। अर्थात गुजरात केवल भारत की डिजिटल कृषि क्रांति का ही नेतृत्व नहीं कर रहा, अपितु परिवर्तनकारी कृषि नीतियों में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी स्थिति को भी सुदृढ़ बना रहा है।

क्या है ई-नाम ?

ई-नैम भारतभर में कार्यरत एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत बाजार का निर्माण करने के लिए सभी कृषि उत्पाद विपणन मंडियों (एपीएमसी) को एक साथ लाता है। कृषि मंत्रालय के अधीनस्थ स्मॉल फार्मर्स एग्रीबिजनेस कन्सोर्टियम (एसएफएसी) की अगुवाई वाले इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य कृषि विपणन (एग्रो मार्केटिंग) को प्रमाणित करना, सूचना की कमियों को दूर करना तथा आपूर्ति व मांग के आधार पर वास्तिवक समय के मूल्य निर्धारण (रीयल टाइम प्राइस डिसकवरी) को सक्षम करना है। इस मिशन का उद्देश्य समग्र देश की एपीएमसी को एकीकृत करना, गुणवत्ता आधारित नीलामी से पारदर्शी मूल्य निर्धारण की सुविधा देना तथा समय पर ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करना है।

ऐसे विभिन्न समूहों को एक साथ लाकर गुजरात कृषि बाजार के परिदृश्य को पुन: व्याख्यायित कर रहा है और राज्य के किसानों का वित्तीय समावेश कर उन्हें अधिक सशक्त बना रहा है। गुजरात कृषि क्षेत्र के लिए एक सुदृढ़ डिजिटल इकोसिस्टम को प्रोत्साह देने तथा मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों के लिए अधिकतम भागीदारी व लाभ सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय